Adani Hindenburg Case: Sachin Pilot का सरकार पर हमला, JPC की मांग कर साधा निशाना
कांग्रेस की मांग जायज है। संयुक्त संसदीय समिति बनेगी और जांच करेगी तभी सच्चाई सामने आ पाएगी। सरकार को JPC की मांग से कतराना नहीं चाहिए।
हिंडनबर्ग की सेबी प्रमुख माधवी बुच के अडानी समूह से धार्मिक संबंध के ताजा मामले ने एक बार फिर माहौल गरमा दिया है। आयोजकों ने बुच पर लगे आरोपों को बेहद गंभीर बताया है और केंद्र सरकार से उन्हें सेबी प्रमुख के पद से हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
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हिंडनबर्ग के नए दावों के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई (एम), शिवसेना और यूबीटी जैसी भारत की सभी प्रमुख पार्टियों ने अडानी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग दोहराई है। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि अडानी समूह के साथ मिलीभगत करके देश के शीर्ष वित्तीय नियामक के अधिकारियों द्वारा किए गए 'घोटाले' की जांच के लिए जेपीसी ही एकमात्र विकल्प बचा है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा
हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, "कांग्रेस की मांग जायज है। संयुक्त संसदीय समिति बनेगी और जांच करेगी तभी सच्चाई सामने आ पाएगी। सरकार को JPC की मांग से कतराना नहीं चाहिए।
खरगे ने एक्स पर किया पोस्ट
सेबी ने मोदी जी के सबसे अच्छे दोस्त अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के खुलासे पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष क्लीन चिट दे दी थी। आज उसी सेबी के प्रमुख के तथाकथित वित्तीय संबंधों का पर्दाफाश हो गया है। मध्यम वर्ग से जुड़े छोटे और मध्यम निवेशकों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए, क्योंकि वे सेबी पर भरोसा करते हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया।
जयराम रमेश ने भी उठाया सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सेबी द्वारा इंटरनेट मीडिया खातों को लॉक करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इसके शीर्ष नेतृत्व के हितों के टकराव के सबूत सामने आ चुके हैं, तो क्या सबूत मिटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है? तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना यूबीटी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी जेपीसी जांच की मांग का समर्थन किया, जबकि माकपा पोलित ब्यूरो ने बयान जारी कर जेपीसी के पक्ष में आवाज उठाई।