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इस्तीफे के बाद किरोड़ी लाल के धमाकेदार इंटरव्यू से आया 'भूचाल', कारण से लेकर हिंदू के मुद्दे पर बेबाकी से रखी बात

जयपुर ब्यूरो, राजस्थान में भजनलाल की सरकार से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने भारत रफ्तार के संवाददाता जितेश जेठानंदानी से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने पद छोड़ने के कारण से हिंदू के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखी. 

इस्तीफे के बाद किरोड़ी लाल के धमाकेदार इंटरव्यू से  आया 'भूचाल',  कारण से लेकर हिंदू के मुद्दे पर बेबाकी से रखी बात

राजस्थान में गुरूवार को बीजेपी सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने सभी पदों से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. जिसके बाद से राज्य की सियासत में भूचाल आ गया. जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपना इस्तीफा 10 दिन पहले ही सीएम भजनलाल शर्मा को सौंप दिया था. जयपुर में कार्यक्रम के दौरान गुरूवार को इसका ऐलान कर दिया. जिसके बाद इनके इस्तीफे के कारण को लेकर अलग-अलग अटकले लगाई जाने लगे.

बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा से इस्तीफे की असली वजह जनाने के लिए भारत रफ्तार के संवाददाता जितेश जेठानंदानी ने गुरूवार शाम जयपुर में उनसे खास बातचीत की. जिसमें इस्तीफे की वजह से लेकर हिंदू राष्ट्र तक के सवाल करें. जिसके जवाब किरोड़ी लाल मीणा ने बड़े बेबाकी से दिए. आप भी पढ़िए किरोड़ी लाल मीणा ने क्या कुछ कहा. 

आप ने इस्तीफे के लिए कहा और दे दिया, इसके पीछे क्या वजह रही ?

जितेश जेठानंदानी के इस सवाल का जवाब देते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, इस्तीफा देना मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है. जिस इलाके में वर्षों से सेवा कर रहा हूं और चुनाव के समय मैने घोषणा की थी कि अगर मैं सीट हार गया. तो मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. जिसके बाद मैने मंत्री से इस्तीफा दे दिया. घोषणा के बाद मामला क्रेडिबिलिटी, छवि और व्यक्तित्व का था. इसलिए पद के लोभ में ना पड़ते हुए मैंने मंत्री पद छोड़ दिया. 

अटकलें लगाई जा रही है कि आप के पद को लेकर अपके समर्थक नराज थे. कृषि मंत्रालय से कुछ चीजें अलग कर आपको आधा अधूरा मंत्रालय दिया गया

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, भाजपा में व्यक्ति का कोई संगठन नहीं होता पूरी पार्टी का संगठन होता है. पार्टी से कोई निराशा वाली बात नहीं थी, निराशा होती तो मैं पहले इस्तीफा देता. पद की दृष्टि से इस्तीफा नहीं दिया है. मैं सीटें नहीं जिता सका ये मेरी विफलता है. इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया.  



जिम्मेदारी तो सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की भी बनती है

इस सवाल पर किरोड़ी लाल ने जवाब दिया कि इस्तीफे की घोषणा मैने की थी. उन लोगों ने घोषणा नहीं की थी. कि अगर सीट नहीं जीते तो इस्तीफा देंगे. मैने घोषणा की थी. तो अपने उसका पालन करते हुए मंत्री पद छोड़ दिया. 

भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ रहे थे

किरोड़ी लाल ने आगे कहा, इसमें भजनलाल शर्मा की कोई जिम्मेदारी नहीं है. बीजेपी तो मोदी के चहरे पर चुनाव लड़ रही थी. विधानसभा में भी मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ के हमने सरकार बनाई और उसके बाद भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया. 

मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया, तो आपका इस्तीफा क्यों ?  

किरोड़ी लाल मीणा ने इसका जवाब देते हुए कहा. मेरी ना भजनलाल शर्मा से निराजगी है, ना ही संगठन से कोई नराजगी. मैने घोषणा की थी. इसलिए मैने इस्तीफा दिया है. मुझे किसी प्रकार के पद का लालच नहीं है. पहले भी मैं संगठन के लिए कार्य करते आया हूं. वैसे ही आगे भी करता रहूंगा. 

बिना डरे आगे भी भष्ट्राचार के मामले उठता रहूंगा- किरोड़ी लाल

किरोड़ी लाला ने आगे कहा कि, मैं भविष्य में भी भाष्ट्राचार के मामले जोरे से उठाता रहूंगा. जब मैं मंत्री नहीं तब भी मामला उठाए चाहे वो अलवर का मामला हो, चाहे वो जल जीवन मिशन का मामला हो. मैं भ्रष्टाचार के मामले में सरकार का ध्यान आकर्षित करता रहा हूं और करता रहूंगा.  

आदिवासी धर्मांतरण को लेकर किरोड़ी लाल ने कही बड़ी बात

किरोड़ी लाल मीणा ने धर्मांतरण के बाद आदिवासियों को मिलने वाले रिजर्वेशन को लेकर कहा, आदिवासी या कोई भी अगर धर्म बदल रहा है. तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. आरक्षण का लाभ धर्म के आधार पर नहीं है. एसटी आरक्षण के

पांच मापदंड है. जिसमें जो फिट होता है. उसको एसटी की सुविधा मिलती है. अगर कोई धर्म परिवर्तन करके क्रिश्चियन बन गया या मुसलमान बन गया. तो उसका आरक्षण खत्म करना चाहिए. मैंने संसद में भी ये मुद्दा उठाया है. 

राजकुमार रोत के हिंदू ना होने के बयान पर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा

सांसद राजकुमार रोत ने भारत रफ्तार में इंटरव्यू में कहा था कि आदिवासी हिंदू नहीं है. राजकुमार नाम हिंदू नाम नहीं है. वो खुद को हिंदू नहीं मनाते है. राम को कालपनिक मनाते है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, राजकुमार तिलक लगाता है. तिलक तो हिंदू लगाता है. राजकुमार त्रिपुरा सुंदरी के मंदिर में जाकर आरती करता है, राजकुमार या कोई आदिवासी पीपल की पूजा करता है. ये सब तो कोई हिंदू ही करता है. कोई मुसलमान और क्रिश्चन तो ये करता नहीं है. सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म में जो परंपरा और संस्कार है. उनका निर्वय वो करते हैं. वो राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कह रहे कि हम हिंदू नहीं है. रामकेश जी, गोपाल जी, गणेश घोगरा ने जो भी कहा था, वो रोत साहब ने भी पूरे देश को भ्रमित करने के लिए कहा है. पूरा देश का डीएनए हिंदू है. मुसलमान भी सनातनी है. इसलिए इस ढंग का भ्रम केवल वोट पाने के लिए फैलाया जाता है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.