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हमें छुआछूत के भाव को पूरी तरह मिटा देना है- डॉ. भागवत

आज अलवर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मातृ वन में पौधारोपण किया।

हमें छुआछूत के भाव को पूरी तरह मिटा देना है- डॉ. भागवत

राजस्थान में हरियाली को लेकर सरकार समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। ऐसे ही एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने रविवार को अलवर के मातृ वन पार्क में पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और अलवर सांसद भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि पीएम के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान से प्रेरणा लेते हुए अलवर में हरियाली बढ़ाने के लिए मातृ वन विकसित किया है।

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आज अलवर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख आदरणीय श्री मोहन भागवत जी ने मातृ वन में पौधारोपण किया #एक_पेड़_मां_के_नाम अभियान के तहत अलवर के मातृ वन को 10 हजार महिलाओं और 16 संगठनों की भागीदारी से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपने धर्म को भूलकर स्वार्थ के अधीन हो गए, इसलिए छुआछूत चला। ऊंच-नीच का भाव बढ़ा, हमें इस भाव को पूरी तरह मिटा देना है। जहां संघ का काम प्रभावी है। संघ की शक्ति है, वहां कम से कम मंदिर, पानी, शमशान सब हिंदुओं के लिए खुले होंगे, यह काम समाज का मन बदलते हुए करना है।

अगले साल संघ के सौ वर्ष पूरे

डॉ. भागवत रविवार को अलवर के इन्दिरा गांधी खेल मैदान में अलवर नगर के स्वयंसेवकों के एकत्रिकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष संघ कार्य को सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ की कार्य पद्धति दीर्घकाल से चली आ रही है, हम कार्य करते हैं तो उसके पीछे विचार क्या है, यह हमें ठीक से समझ लेना चाहिए और अपनी कृति के पीछे यह सोच हमेशा जागृत रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र को समर्थ करना है। हमने प्रार्थना में ही कहा है कि यह हिंदू राष्ट्र है। क्योंकि हिंदू समाज इसका उत्तरदायी है। इस राष्ट्र का अच्छा होता है तो हिंदू समाज की कीर्ति बढ़ती है। इस राष्ट्र में कुछ गड़बड़ होता है तो हिंदू समाज पर आता है क्योंकि वहीं इस देश का कर्ताधर्ता है। 

संघ का विरोध करने वाले भी संघ का परिवार

डॉ. भागवत ने कहा कि पहले संघ को कोई नहीं जानता था। अब सब जानते हैं। पहले संघ को कोई मानता नहीं था। आज सब लोग मानते हैं, जो हमारा विरोध करने वाले लोग हैं वह भी। हमारा होठों से तो विरोध करते हैं लेकिन मन से तो मानते ही हैं। इसलिए अब हमें हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज का संरक्षण राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति के लिए करना है। 

उन्होंने कहा कि अपने घर में स्वदेशी से लेकर स्व गौरव तक सारी बातें है, उनका प्रबोधन होना चाहिए। अपने देश में बनता है। वह बाहर देश का नहीं खरीदना यदि जीवन के लिए आवश्यक है तो अपनी शर्तों पर खरीदना। साथ ही अपने जीवन में मितव्ययिता को अपनाना होगा। समाज सेवा के कार्यों में समय लगाना। यह समाज पर उपकार नहीं है हमारा कर्तव्य है, ऐसा ध्यान रहना चाहिए। उन्होंने कि नागरिक अनुशासन हमारा होना चाहिए। हम इस देश के नागरिक हैं। हमें नागरिकता का बोध होना ही चाहिए।

वृक्षारोपण के दौरान कई बड़े नाम रहे शामिल

नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम के पश्चात पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के निमित्त सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत भूरासिद्ध स्थित मातृ स्मृति वन में पहुंचे, जहां उन्होंने वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण के दौरान संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख अरूण कुमार जैन, क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेशचंद्र अग्रवाल, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्द्धन, क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, क्षेत्र सह कार्यवाह गेंदालाल और क्षेत्र प्रचार प्रमुख डॉ. महावीर कुमावत उपस्थित रहे। केन्द्र सरकार में वन मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव और राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा सहित विभाग के उच्च अधिकारी भी मौके पर उपस्थित रहे।

रिपोर्ट जितेश जेठानंदानी