क्या फिर चल रही राजस्थान कांग्रेस में 'खटपट', अशोक गहलोत को क्यों बुलाया गया दिल्ली, सब जानें एक क्लिक में
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सक्रिय राजनीति में कदम रख दिया है। तीन महीने के स्वास्थ्य लाभ के बाद गहलोत ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को फिर से तेज कर दिया है। हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें अचानक दिल्ली बुलाया, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि गहलोत को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
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सचिन पायलट स्टार प्रचारक में शामिल
इस बीच, सचिन पायलट और दिव्या मदेरणा को कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया जा चुका है, जिससे इन दोनों नेताओं की भी चुनावी भूमिका पर ध्यान केंद्रित हो गया है। जोधपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने कांग्रेस की संभावित चुनावी सफलता को लेकर बड़ा दावा किया है। गहलोत की दिल्ली यात्रा और कांग्रेस के अन्य नेताओं की चुनावी तैयारियों को देखते हुए, पार्टी में आगामी चुनावों के लिए नई रणनीतियों और बदलावों की चर्चा जोरों पर है।
अशोक गहलोत तीन महीने तक थे बीमार
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोकसभा चुनाव के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण लगभग तीन महीने तक बिस्तर पर रहे। अब जब वह स्वस्थ हो चुके हैं, गहलोत ने एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में कदम रखा है, खासकर आगामी राज्यों में चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर।
गहलोत ने अपने पुराने अंदाज में की वापसी
स्वास्थ्य लाभ के बाद, गहलोत ने अपने पुराने अंदाज में बीजेपी पर आक्रमण करना शुरू कर दिया है, विशेष रूप से राहुल गांधी के संदर्भ में बीजेपी के हालिया बयानों के खिलाफ उन्होंने सियासी हमले किए हैं। गहलोत को गुरुवार को अचानक दिल्ली बुलाया गया, जहां वह पार्टी हाईकमान के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इस घटनाक्रम के बाद, राजस्थान की राजनीतिक हलचलों में तेजी आई है।
गहलोट को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
गहलोत के दिल्ली दौरे को लेकर सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। दिल्ली में गहलोत कांग्रेस पार्टी के हाई कमान के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। इधर, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव है, ऐसे में गहलोत की पार्टी हाईकमान के नेताओं से मुलाकात को उनकी बड़ी जिम्मेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकार लोगों का कयास है कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव को लेकर गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।