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CM भजनलाल ने खोला खजाना, इन बड़े प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी, पढ़ें इस रिपोर्ट में

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में  देवगढ़, नाथद्वारा एवं आमेट उपखण्डों की कुल 42.1576 हेक्टेयर भूमि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के तहत नाथद्वारा-देवगढ़-मदारिया आमान परिवर्तन परियोजना के लिए रेलवे मंत्रालय को भूमि आवंटित करने की स्वीकृति दी गई।

CM भजनलाल ने खोला खजाना, इन बड़े प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी, पढ़ें इस रिपोर्ट में

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में 28 अगस्त को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जो कर्मचारी कल्याण, कृषक हित, विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण और रेल परिवहन के विकास को बढ़ावा देंगे। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद जानकारी दी कि इन फैसलों से प्रदेश की विकास गति को नया आयाम मिलेगा।

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रेलवे लाइन के विकास में तेजी लाने का प्रयास

उन्होंने आगे कहा कि बैठक में प्रदेश के रेल परिवहन तंत्र को मजबूत बनाने तथा मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग जैसे उद्योगों को विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर श्रीनाथद्वारा को मेवाड़ और मारवाड़ से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

रेलवे मंत्रालय को आवंटित की गई भूमि

राजसमंद जिले में रेलवे के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राजसमंद, देवगढ़, नाथद्वारा, और आमेट उपखण्डों की कुल 42.1576 हेक्टेयर भूमि को रेलवे मंत्रालय को आवंटित करने की स्वीकृति दी गई। इस भूमि का आवंटन राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के अंतर्गत किया गया है।

राज्य कर्मिकों के लिए बड़ा फैसला

इसके अलावा बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इस बैठक में राज्य कार्मिकों के हित में उनकी ग्रेच्युटी एवं डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये को बढ़ा कर 25 लाख करने को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि अब पुरुष एवं महिला कार्मिकों को सीजीएचएस की तर्ज पर आरजीएचएस में भी चिकित्सा सुविधा के लिए माता-पिता या अपने सास-ससुर में से किसी एक को सम्मिलित करने का विकल्प दिया जाएगा, लेकिन माता-पिता या सास-ससुर आश्रित होने के साथ पुरुष अथवा महिला कार्मिक के साथ एक घर में निवास करते हों।

पेंशन नियमों में संशोधन

राजस्थान सरकार ने अपने कार्मिकों के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, यदि किसी कार्मिक की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रितों को केंद्रीय कार्मिकों की तरह ही 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा।

डॉ. बैरवा ने कहा कि इस सुविधा के अंतर्गत पारिवारिक पेंशन के प्रावधानों को राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 55 और 62 में संशोधन किया गया है। इसके तहत, कार्मिक की मृत्यु के बाद उनके परिवार को केंद्रीय पेंशन के समान लाभ मिलने लगेगा, जो कि पेंशन की दर को 10 वर्षों तक बढ़ाकर दिया जाएगा।