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जूनागढ़ किला मुगल, गुजराती और राजपूत कलाओं का अद्भुत मिश्रण

राजस्थान के जूनागढ़ में स्थित जूनागढ़ किले को इसकी मुगल, गुजराती और राजपूत कलाओं के अद्भुत मिश्रण के लिए जाना जाता है। यहां कब जाना टूरिस्ट के लिए सही है और इसका इतिहास क्या है? आइए इस लेख में जानते हैं।

जूनागढ़ किला मुगल, गुजराती और राजपूत कलाओं का अद्भुत मिश्रण
जूनागढ़ किला

राजस्थान का रजवाड़ों की धरती यूं ही नहीं कहते हैं। यहां धरोवरों, विरासतों की चमक देखने की मिलती है। बड़े-बड़े महलों के बारे में आपने भी कई बार सुना होगा। आज हम आपको बीकानेर शहर में स्थित जूनागढ़ किले के बारे में बताने वाले हैं। इस महल की खूबसूरती यहां आने वालों की दिल जीत लेती है। साथ ही यहां आपको मुगल साम्राज्य, गुजराती शान और राजपूती कलाओं का अद्भुत मिश्रण भी देखने को मिलता है।

जूनागढ़ किले का इतिहास

राजस्थान के प्रसिद्ध शहर बीकानेर में जूनागढ़ किला स्थित है। जूनागढ़ किले की नींव साल 1478 में राव बीका ने रखी थी। इस किले को शुरू में चिंतामणि कहा जाता था और बाद में 20वीं सदी में इसका नाम बदलकर जूनागढ़ या पुराना किला कर दिया गया। स्थानीय लोग इसे जूनागढ़ दुर्ग कहना ज्यादा पसंद करते हैं। जूनागढ़ किला एक धान्वन किला है, जिसके चारों ओर खाई है। इस दुर्ग में कुल 37 दुर्ग हैं। इस दुर्ग को जमीन का जेवर भी कहा जाता है। इसके द्वार पर जयमल और फत्ता की गजारूढ़ मूर्तियां लगी हुई हैं।

जूनागढ़ किले की नींव 1478 में राव बीका ने बनवाई थी। हालाँकि, तब यह एक पत्थर के किले के रूप में ही अस्तित्व में था। वर्तमान भव्य संरचना का उद्घाटन 17 फरवरी 1589 को किया गया था। जूनागढ़ दुर्ग के एक बड़े हिस्से को मौजूदा समय में म्यूजियम में बदल दिया गया है। जहां पर देसी और विदेशी पर्यटक भारी मात्रा में घूमने के लिए आते हैं।

 जूनागढ़ किले की वास्तुकला

जूनागढ़ किले का निर्माण कराने वाले महाराजा राजा राय सिंह एक कलात्मक व्यक्ति थे और वास्तुकला का अच्छा-खासा ज्ञान भी रखते थे। बताया जाता है कि उन्होंने किले को थार के बीच एक भव्य संरचना के रूप में डिजाइन किया था। इस किले के अंदर के महल, बगीचे, बालकनियाँ आदि मौजूद हैं। जोकि यहां के शासकों के सांस्कृतिक मतभेदों और विदेशी प्रेरणाओं को दिखाते हैं। जूनागढ़ किला एक मिश्रित स्थापत्य शैली का सटीक उदाहरण कहा जा सकता है। किले में प्रदर्शित की गईं अद्वितीय स्मारक 16वीं शताब्दी के अंत से लेकर बीकानेर के शासकों की 16 पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

जूनागढ़ किला वीजिट करने का सही समय

जूनागढ़ किला घूमने का सबसे बेस्ट टाइम नवंबर से फरवरी के बीच है। इस किले में भ्रमण के लिए भारतीयों के लिए एंट्री फीस 50 रुपये, भारतीय स्टूडेंट्स के लिए डिसकाउंट के बाद 30 रुपये, फॉरनर्स के लिए एंट्री फीस 300 रुपये और फॉरनर स्टूडेंट्स के लिए 150 रुपये एंट्री फीस है। ये किला सुबह 10 बजे से शाम को 04:30 बजे तक भ्रमण के लिए खुला रहता है।