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आसान नहीं है राजस्थान में बीजेपी की राह, जानिए कहां है कांग्रेस से कांटे की टक्कर

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव के मतदान की बारी आ चुकी है. राजस्थान में ये चरण काफी दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि इस चरण में वो 13 सीटें हैं जहां मुकाबला कांटे का है. दूसरे चरण की 13 सीटों में से ज्यादातर सीटों में बीजेपी अपने कंफर्ट ज़ोन में है, लेकिन पहले चरण के बाद से अब स्थितियां ऐसी हैं कि किसी भी सीट पर कुछ भी हो सकता है. हालात इस तरह के बन रहे हैं जिससे यह लग रहा है कि प्रदेश में पूरी 25 सीटें शायद बीजेपी को न मिलें. 

आसान नहीं है राजस्थान में बीजेपी की राह, जानिए कहां है कांग्रेस से कांटे की टक्कर

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव के मतदान की बारी आ चुकी है. राजस्थान में ये चरण काफी दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि इस चरण में वो 13 सीटें हैं जहां मुकाबला कांटे का है. दूसरे चरण की 13 सीटों में से ज्यादातर सीटों में बीजेपी अपने कंफर्ट ज़ोन में है, लेकिन पहले चरण के बाद से अब स्थितियां ऐसी हैं कि किसी भी सीट पर कुछ भी हो सकता है. हालात इस तरह के बन रहे हैं जिससे यह लग रहा है कि प्रदेश में पूरी 25 सीटें शायद बीजेपी को न मिलें. 

सबसे हॉट सीट बाड़मेर जैसलमेर की 

दूसरे चरण में सबसे हॉट सीट बाड़मेर जैसलमेर की है. यहां बीजेपी के कैलाश चौधरी मैदान में हैं. गौर करने वाली बात है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में वह हार गये थे और लोकसभा का टिकट मिला तो जीत गये. जाट वोट बैंक साधने के चक्कर में पीएम मोदी ने उन्हें मंत्री बनाया. लेकिन इस बार स्थिति इसके उलट है. कांग्रेस ने यहां से उम्मेदा राम बेनीवाल को मैदान में उतारा है. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रवीन्द्र सिंह भाटी भी जो सोशल मीडिया के चहेते बने हैं. बताया जा रहा है कि तीन लाख राजपूतों का वोट अगर भाटी के खाते में गया तो कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर आ सकते हैं. यहां मुकाबला भाटी और उम्मेदा राम के बीच है.

जोधपुर सीट

जोधपुर सीट से मोदी सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मैदान में हैं. कांग्रेस ने राजपूत करण सिंह उचियारड़ा को टिकट दिया है और शेखावत को फंसाने की कोशिश की है. मुकाबला जबरदस्त टक्कर का बना है. 

जालौर-सिरोही सीट

जालौर सिरोही सीट पूर्व सीएम अशोक गहलोत के लिए नाक का सवाल बनी हुई है. यहां से कांग्रेस से अशोक गहलोत के बेटे वैभव मैदान में है तों वहीं उनका मुकाबला बीजेपी के लुंबा राम से है. जो संघ निष्ठ, किसान और साफ छवि के हैं. इस सीट पर आदिवासी वोट एक लाख से ऊपर है. वहीं बसपा समेत कुछ अन्य उम्मीदवारों का नामांकन वापस करवा कर गहलोत ने वैभव की राह के कांटे दूर किए जरुर हैं लेकिन संघ के नेटवर्क की बराबरी अभी भी नहीं कर पा रहे हैं. अब तीन लाख दलित वोटरों पर गहलोत की उम्मीदें टिकी हैं.

टोंक सवाई माधोपुर सीट

टोंक सवाई माधोपुर सीट में कांग्रेस की स्थिति जबरदस्त है. पूर्व डीजीपी हरीश मीणा को सचिन पायलट का साथ मिला है. सचिन पायलट टोंक विधानसभा सीट से पहले जीते चुके थे.वहीं दूसरी ओर प्रचार के हिसाब से बीजेपी के दो बार के सांसद गुर्जर सुखबीर सिंह जौनपुरिया भारी पड़ रहे हों, लेकिन उनका विरोध हो रहा है. 

झालावाड़ सीट

झालावाड़ सीट पर वसुंधरा राजे अपने बेटे दुष्यंत सिंह को पांचवी बार संसद भेजने के लिए जुटी हैं. कहा जा रहा है कि अगर पांचवी बार दुष्यंत सदन में पहुंचे तो मोदी सरकार में उनका मंत्री बनना लगभग तय है. 

कोटा बूंदी सीट

कोटा बूंदी सीट पर स्पीकर ओम बिरला हैं. जिनका मुकाबला बीजेपी से कांग्रेस में आए प्रहलाद गुंजल से है. ओम बिरला की जीत आसान मानी जा रही थी लेकिन अब कुछ भई हो सकता है.