राजस्थान रोडवेज को चूना लगाकर बिना टिकट बैठाए 6 यात्री, ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई
राजस्थान रोडवेज चूरू डिपो की सहायक यातायात निरीक्षक शीला चावला ने बताया कि रोडवेज बसों की चेकिंग के दौरान झुंझुनूं डिपो की बस में 6 सवारियों के पास टिकट नहीं मिला, सवारियों ने पूछताछ में बताया कि परिचालक द्वारा रुपये ले लिये गए पर टिकट नही दी गई।
एक मारवाड़ी कहावत है कि ‘जब बाड़ ही खेत को खाए तो रखवाली कौन करे’ जी हां भावार्थ तो आप सब जानते ही हैं की रखवाली करने वाले ही अगर चट करने लग जाएं तो उस संस्थान या विभाग को घाटे से कोई नहीं उबार सकता है। ऐसे ही हालातों के चलते राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम चूरू डिपो की सहायक यातायात निरीक्षक ने रोडवेज बस में करीब आधा दर्जन लोगों को बिना टिकट यात्रा कराने वाले कंडक्टर व ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की है। राजस्थान रोडवेज के चूरू डिपो की सहायक यातायात निरीक्षक शीला चावला ने बताया कि हम रोडवेज बसों की चेकिंग करते हुए मांडवा से चूरू आ रहे थे। इस दौरान झुंझुनूं डिपो की एक बस 2412 को चेकिंग के लिए रोका तो बस का कंडक्टर नरेंद्र कुमार बस से नीचे उतरा और उससे टिकट काटने वाली मशीन मांगी गई तो उसने मशीन देने से मना कर दिया। इसके बाद बस के अंदर जाकर वीडियोग्राफी की गई और सभी यात्रियों की गिनती कर उनसे बातचीत की गई तो बस में छह यात्री बिना टिकट मिले।
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ऐसी परिस्थितियों में ताजा हवा के झोंके की तहर बड़ी कार्यवाही करते हुए चूरू डिपो की सहायक यातायात निरीक्षक शीला चावला ने रोडवेज बस में करीब आधा दर्जन लोगों को, बिना टिकट यात्रा करवा रहे, परिचालक व चालक के खिलाफ कार्रवाही अमल में लाई गई है। जिसके बाद एक ओर जहां चालक—परिचालकों में हड़कंप मच गया है वहीं दूसरी ओर दबंक राजस्व अधिकारी शीला चावला की आमजन में वाह—वाही होना भी लाजमी है। चावला ने आगे भी रोडवेज बसों को घाटे से उबारने के लिए लगातार कार्यवाही करने की बात कही है।
हम यहां बता दें की सहायक निरीक्षक चावला ने कार्यवाही में सरकारी रिवेन्यू के नूकसान को बचाते हुए ऐसे चालक—परिचालकों सबक सिखाने के लिए, मोर्चा खोल दिया है व उच्चाधिकारीयों को कार्यवाही के लिए भी पत्र लिखा है, ताकि खास तौर से महिला निरिक्षकों से बद्तमीजी व धक्का मुक्कि जैसी घटनाओं पर अंकुश लग सके।
चालक—परिचालक पर यूं हुई कार्यवाही
राजस्थान रोडवेज चूरू डिपो की सहायक यातायात निरीक्षक शीला चावला ने बताया कि रोडवेज बसों की चेकिंग के दौरान झुंझुनूं डिपो की बस में छ सवालियों के पास टिकट नहीं मिला, सवारियों ने पूछताछ में बताया कि परिचालक द्वारा रुपये ले लिये गए पर टिकट नही दी गई। जिसके बाद बस परिचालक नरेंद्र कुमार से टिकट काटने की ETIM मशीन मांगी तो मशीन देने से इनकार करते हुए अभद्रता से मशीन के साथ छीना—झपटी शुरू कर दी। इस बारे में चालक लक्ष्मण सिंह से लोकपत्र मांगा गया तो उसने भी परिचालक का पक्ष लेते हुए नियमों का उल्लंघन किया।
साथ ही चावला ने बताया कि इस दौरान चालक व परिचालक ने बदतमीजी की तथा चेकिंग कार्य में बाधा पहूंचाने के साथ—साथ लापरवाही व मिलीभगत से राजस्व नुकसान करना पाया गया। फिलहाल इन दोनों आरोपियों के खिलाफ कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करवाई गई है व उच्च अधिकारियों को सख्त कार्यवाही हेतू वीसीआर बनाकर भेज दी गई है।
चूरू ही नहीं बल्कि प्रदेश में सभी जगह चल रहा गौरख धंधा
शीला चावला ने बाईट में बताया कि चूरू ही नहीं बिल्कि राजस्थान भर में राजस्व निरिक्षकों को चालक—परिचालक के द्वारा कार्य में बाधा पहूंचाना आम बात हो गई है ऐसे में सरकार व विभाग को निरिक्षकों को शक्तियां प्रदान करनी चाहिए ताकि राजस्व के नुकसान को बचाया जा सके साथ ही उन्होंने कहा कि महिला निरिक्षकों को ऐसी परिस्थितियों से बचाने के लिए विशेष तरह के कानून बनाने चाहिएं ताकि निरिक्षकों के सामने आ रही समस्याओं का निदान हो सके। साथ ही रोडवेज बसों को घाटे से उबारने के लिए ऐसे चालक—परिचालकों को सख्त सजा देने के प्रावधान से राजस्व हानि को कम किया जा सकता है।
रिपोर्ट- कौशल शर्मा