पति को बिना बताए बंद किया लॉकर, ज्वाइंट खाताधारक को मिला 45 लाख का मुआवजा
जयपुर के जिला उपभोक्ता आयोग ने केनरा बैंक पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह फैसला तब लिया गया जब बैंक ने बिना सूचित किए एक ज्वाइंट लॉकर को बंद कर दिया। देवेंद्र चावड़ा और उनकी पत्नी हेतल चावड़ा ने 2013 में बैंक में ज्वाइंट लॉकर खोला था, लेकिन जब बैंक ने लॉकर बंद करने का निर्णय लिया तो उन्हें सूचना नहीं दी गई।
जयपुर के जिला उपभोक्ता आयोग ने केनरा बैंक पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जब बैंक ने बिना सूचित किए एक ज्वाइंट लॉकर को बंद कर दिया। यह मामला देवेंद्र पुरषोत्तम चावड़ा और उनकी पत्नी हेतल चावड़ा का है, जिन्होंने सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) में 2013 में ज्वाइंट लॉकर खुलवाया था। देवेंद्र ने आयोग में परिवाद दायर किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक ने उनकी जानकारी के बिना उनके ज्वाइंट लॉकर को बंद कर दिया, जिससे उन्हें मानसिक और आर्थिक नुकसान हुआ।
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बैंक ने दी थी चेतावनी
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 2022 में बैंक ने चावड़ा को नया लॉकर एग्रीमेंट नहीं करने पर लॉकर बंद करने की चेतावनी दी। इसके बाद, पत्नी हेतल ने बैंक में दस्तखत किए, लेकिन लॉकर की चाबी अपने पति को देने से इनकार कर दिया। देवेंद्र ने डुप्लीकेट चाबी के लिए बैंक से संपर्क किया, लेकिन बैंक ने दोनों खाताधारकों के हस्ताक्षर के बिना चाबी देने से मना कर दिया। बाद में, देवेंद्र को मार्च 2023 में ईमेल द्वारा सूचना मिली कि लॉकर बंद हो गया है।
देवेंद्र ने उपभोक्ता आयोग में की शिकायत
इस स्थिति से परेशान होकर, देवेंद्र ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। उनकी ओर से वकील ने बताया कि बैंक को ज्वाइंट खाताधारक को जानकारी दिए बिना लॉकर बंद करने का कोई अधिकार नहीं था। आयोग ने माना कि बैंक ने बिना सही प्रक्रिया का पालन किए हुए एकतरफा निर्णय लिया, जिससे ग्राहक को मानसिक और आर्थिक पीड़ा हुई।
आयोग ने बैंक को दोषी ठहराया
आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्या हेमलता अग्रवाल ने बैंक को दोषी ठहराते हुए 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। फैसले में स्पष्ट किया गया कि बैंक को ऐसे मामलों में दोनों खाताधारकों को सूचित करना चाहिए, खासकर जब ज्वाइंट लॉकर की बात हो।