Dausa Upchunav: माफी मांगते दिखे प्रत्याशी!...जब लोगों ने गिनाए मुद्दे, दौसा में लोगों की कई मांगें, पढ़िए पूरी खबर
भाजपा पार्टी के प्रत्याशी जब गांवों में प्रचार के लिए पहुंचते हैं तो वहां की आदिवासी महिलाएं देसी अंदाज में मीनावाटी गीत गाकर उनका स्वागत कर रही हैं।
दौसा में उपचुनाव का चुनावी माहौल अब जोर पकड़ने लगा है। चुनाव के चलते नेता भी अलग-अलग जगहों पर जाकर प्रचार में सक्रिय हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में भी चुनावी सरगर्मी देखने को मिल रही है, जहां महिलाएं चुनाव के दौरान पारंपरिक गीत गाती नजर आ रही हैं। वहीं प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हुए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान कुछ नेता समाज से माफी मांग रहे हैं तो कुछ गांव-गांव और कस्बों में जाकर अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं।
ये भी पढ़िए- Jaipur News: विपक्ष का हल्ला बोल, सरकार की मनमानी! जिलों के गठन पर विशेष सत्र की मांग, पढ़ें पूरी खबर एक क्लिक में
भाजपा पार्टी के प्रत्याशी जब गांवों में प्रचार के लिए पहुंचते हैं तो वहां की आदिवासी महिलाएं देसी अंदाज में मीनावाटी गीत गाकर उनका स्वागत कर रही हैं। इस दौरान महिलाओं ने जमकर डांस भी किया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। भाजपा के मंत्री और प्रत्याशियों ने लोगों के बीच जमकर डांस किया। राजस्थान सरकार के मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना और भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीना जब भी ग्रामीण इलाकों में प्रचार के लिए पहुंचते हैं तो महिलाओं के साथ जमकर डांस करते नजर आते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल उर्फ डीसी बैरवा की बात करें तो वे भी उपचुनाव में कार्यकर्ताओं के साथ मस्ती करते नजर आ रहे हैं।
कल ये नेता करेंगे प्रचार
अभी तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ उपचुनाव के दौरान दौसा जिले में प्रचार कर चुके हैं। कांग्रेस की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई बड़े मंत्री और नेता दौसा में प्रचार करने जा चुके हैं। लेकिन इनमें टोंक सांसद हरीश मीना, दौसा सांसद मुरारी लाल मीना और बस्सी विधायक लक्ष्मण मीना भी दौसा विधानसभा पहुंचकर कई जगह कांग्रेस कार्यालयों का उद्घाटन करेंगे और गांव-गांव जाकर कांग्रेस के पक्ष में प्रचार भी करते नजर आएंगे।
दौसा में लोगों की कई मांगें
दौसा जिला मुख्यालय पर पानी की समस्या सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। यहां नलों से 10 से 15 दिन में एक बार पानी आता है और उसके बाद ही लोग पर्याप्त पानी स्टोर कर पाते हैं। जब नलों से पानी नहीं आता है तो लोगों को टैंकरों से पानी मंगवाकर अपने घरों में बनी टंकियों में स्टोर करना पड़ता है और कई दिनों तक उसका उपयोग करना पड़ता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पानी के अलावा दौसा में शिक्षा, परिवहन और चिकित्सा सुविधाएं भी अच्छी नहीं हैं। इस वजह से लोग इन क्षेत्रों में सुधार की मांग कर रहे हैं ताकि जिले के बुनियादी ढांचे में सुधार हो सके।