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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गेट पर नशे की हालत में किया ड्रामा, वायरल हुआ वीडियो, सीएचसी की छवि पर उठे सवाल

समरानियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरिफ शेख का नशे की हालत में सीएचसी गेट पर बैठकर अजीब व्यवहार करना चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय लोग और सीएचसी के कर्मचारी उनके इस गैरजिम्मेदाराना रवैये पर नाराजगी जता रहे हैं और इस मामले की जांच व उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गेट पर नशे की हालत में किया ड्रामा, वायरल हुआ वीडियो, सीएचसी की छवि पर उठे सवाल

समरानियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरिफ शेख को लेकर एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसमें वे नशे की हालत में केंद्र के गेट पर बैठे हुए पाए गए। रात लगभग आठ बजे, डॉ. शेख नशे में धुत होकर बेसुध अवस्था में एक व्यक्ति के साथ गेट के पास बैठे दिखे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डॉ. शेख ने वहां बैठकर अजीबो-गरीब हरकतें कीं और आसपास के लोगों के लिए परेशानी का सबब बने। उन्होंने पास बैठे एक व्यक्ति को लेकर मर्डर जैसी बातों का जिक्र भी किया, जिससे लोगों में भय और आक्रोश फैल गया।

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स्वास्थ्य सेवाएं हो रहीं बाधित

उनके इस गैरजिम्मेदाराना रवैये से न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, बल्कि मरीजों को समय पर उचित उपचार न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ती जा रही हैं। डॉ. शेख की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत ने सीएचसी के संचालन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल के अन्य कर्मचारियों का कहना है कि उनकी अनुपस्थिति के चलते कई बार व्यवस्थाएं बिगड़ जाती हैं।

लापरवाही के जिम्मेदार

कई मरीजों ने उनकी लापरवाही और अकसर नदारद रहने की वजह से असुविधाओं का सामना किया है। सीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं का जिम्मा संभालने वाले अधिकारी का यह आचरण समाज और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए चिंताजनक है।

मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग

इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय लोग और सीएचसी के कर्मचारी, उच्च अधिकारी इस मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग कर रहे हैँ। इसके अलावा इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई करने की भी मांग कर रहे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। लोगों का मानना है कि यदि इस तरह की लापरवाहियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इससे न सिर्फ मरीजों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा, बल्कि सीएचसी जैसी स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों का भरोसा भी कम हो जाएगा।

रिपोर्ट- सुमरन सिंह