Jaipur News: गुजरात में 51 मामले बढ़ने के बाद घातक चांदीपुरा वायरस राजस्थान तक पहुंचा
राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डूंगरपुर जिले में चांदीपुरा वायरस के मरीज की पहचान के बाद एहतियाती उपायों और आवश्यक प्रबंधन पर जोर देते हुए एक विस्तृत सलाह जारी की।
चांदीपुरा वायरस पूरे भारत में तेजी से फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं। गुजरात में मामलों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है। वहीं राजस्थान में अब इस वायरल संक्रमण के मामले सामने आना शुरू हो गए हैं।
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मंगलवार को राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डूंगरपुर जिले में चांदीपुरा वायरस के मरीज की पहचान के बाद एहतियाती उपायों और आवश्यक प्रबंधन पर जोर देते हुए एक विस्तृत सलाह जारी की। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने अधिकारियों को बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। विभाग ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी के दिशानिर्देशों का निष्ठापूर्वक पालन करने के निर्देश दिए हैं।
चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी), रबडोविरिडे परिवार और वेसिकुलोवायरस जीनस का हिस्सा है। पहली बार 1965 में भारत में इसे पहचाना गया था। महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव के नाम पर वायरस का नाम रखा गया ।
डॉक्टर्स का कहना है, "चांदीपुरा वायरस मुख्य रूप से 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। इसका प्रकोप ज्यादातर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में होता है। इसकी खोज के बाद से आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कई प्रकोप सामने आए हैं। इस वायरस की मृत्यु दर उच्च है। विशेष रूप से बच्चों में। कुछ प्रकोपों के कारण मृत्यु दर 70% तक पहुंच गई है। इसमें रोग का शीघ्र पता लगाने और त्वरित इलाज के लिए जरूरी है ।"
चांदीपुरा वायरस संक्रमण की तेजी से और गंभीर रूप से होता है। 24 से 48 घंटों के अंदर ही यह असर दिखाने लगता है। रोग की शुरुआत अचानक होती है, जिसमें तेज़ बुखार, परिवर्तित सेंसोरियम और दौरे शामिल होते हैं। अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो ये लक्षण तेजी से एन्सेफेलिटिक सिंड्रोम में बदल सकते हैं, जिससे कोमा और मृत्यु हो सकती है।