राजस्थान में SC-ST आरक्षण में वर्गीकरण की मांग... लेकिन राजनीतिक भागीदारी पर सवाल? पढ़िए ये रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट) के फैसले के बाद शिक्षा और प्रशासन तक पहुंच की उम्मीद जगी है, लेकिन राजनीतिक भागीदारी का सवाल अभी भी बरकरार है।
एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर राजधानी जयपुर में परिवर्तन संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष वेदवीर सिंह आदिवासी की अध्यक्षता में जिला सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में करौली शहर और कैलादेवी कस्बे से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
जिला सम्मेलन का संचालन प्रदेश प्रचार सचिव प्रवीण लाखन ने किया। मुख्य अतिथि संस्था के प्रमुख विनोद अंबेडकर थे। सम्मेलन में संस्था के प्रमुख ने कहा कि इस फैसले को पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर तुरंत लागू किया जाए और वंचित समाज के साथ न्याय किया जाए, ताकि इन जातियों में शिक्षा का स्तर ऊपर उठ सके और प्रशासन में भी उनकी उचित भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जगी उम्मीद
राजनीतिक भागीदारी के सवाल बरकरार उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट) के फैसले के बाद शिक्षा और प्रशासन तक पहुंच की उम्मीद जगी है, लेकिन राजनीतिक भागीदारी का सवाल अभी भी बरकरार है। जब तक शिक्षा, प्रशासन और सत्ता में भागीदारी के लिए पूरा आंदोलन सफल नहीं हो जाता, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि परिवर्तन संस्था राजस्थान के संरक्षक सत्यनारायण अनोरिया, केंद्रीय सलाहकार डॉ. रवीन्द्र पँवार, महाराष्ट्र संयोजक राजेश टांक, जयपुर शहर पंच समिति अध्यक्ष मनोज चावरिया, महिला शक्ति रश्मी गुजराती एवं उषा चरनाल उपस्थित थे।
सम्मेलन में दिलीप कुमार, सोहन चावरिया, रामबाबू गोदीवाल, सूरज डागर, अमित कुमार बौद्ध, दिलीप टांक, ज्ञानचंद गोदीवाल, चेतन ढंडोरिया आदि मौजूद थे।