जैसलमेर: रोक के बावजूद सोनार किले के पास धड़ल्ले से हो रहा निर्माण कार्य, HC ने पुरातत्व विभाग को लगाई फटकार
जैसलमेर को विश्व पटल पर अमिट पहचान दिलाने में जैसलमेर के सोनार किले का अहम योगदान हैं। 850 साल से भी पुरानी इस धरोहर को बचाने के लिए पुरातत्व विभाग ने किले व उसकी 300 सौ मीटर परिधि में बिना परमिशन लिए निर्माण कार्य तो दूर की बात हैं पानी,बिजली का कनेक्शन लेने पर भी रोक लगा रखी हैं।
स्वर्णनगरी जैसलमेर पर्यटन नगरी हैं और इसे निहारने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देशी विदेशी सैलानी यहां आते हैं। जैसलमेर को विश्व पटल पर अमिट पहचान दिलाने में जैसलमेर के सोनार किले का अहम योगदान हैं। 850 साल से भी पुरानी इस धरोहर को बचाने के लिए पुरातत्व विभाग ने किले व उसकी 300 सौ मीटर परिधि में बिना परमिशन लिए निर्माण कार्य तो दूर की बात हैं पानी,बिजली का कनेक्शन लेने पर भी रोक लगा रखी हैं। हालांकि ये रोक कागजों में तो सभी के लिए हैं लेकिन रसूखदार लोग अपने रसूख के चलते इस रोक को कागजों तक ही सीमित रखे हुए हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने पेश होने के दिए निर्देश
इस ऐतिहासिक किले के 300 मीटर तो छोड़ो 50 फ़ीट दूरी पर भी शानदार होटल्स व बंगलों का निर्माण हो रखा हैं या आज भी कार्य जारी है। लेकिन उनकी पहुंच के आगे न तो पुरातत्व विभाग कोई कार्यवाही करता है और न ही नगर परिषद। मामले बढ़ने पर दोनो विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ देते हैं। हाल ही में आदेशों की अवहेलना में भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक व राज्य पुरातत्व विभाग के निदेशक को राजस्थान हाईकोर्ट आदेश जारी कर व्यक्तिगत उपस्थित होने के लिए कहा हैं।
जिला प्रशासन और नगर परिषद निर्माण कार्यों को रोकने में विफल
पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर कहा गया है कि हमारे द्वारा सोनार किले के आसपास नए निर्माण रोकने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन प्रारम्भिक रिपोर्ट जिला प्रशासन तथा नगर परिषद के पास आती हैं। लेकिन जिला प्रशासन व नगर परिषद इन निर्माण कार्यों को रोकने में विफल हैं। वहीं, इस बारे में नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढा से जब पूछा, तो उन्होंने बताया कि एक्ट के अनुसार इस सम्बंध में सिर्फ पुरातत्व विभाग ही कार्यवाही कर सकता हैं। विभाग को अगर हमारी मदद की आवश्यकता रहती है तो हमारे कर्मचारी व मशीनरी हर वक्त उपलब्ध हैं। वहीं, जैसलमेर प्रवास पर आई राज्य पुरातत्व विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ से इस सम्बंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि ये मामला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन आता है। हमारे अंडर में कुछ हवेलियां हैं। लेकिन फिर भी नगर परिषद व जिला प्रशासन से बात करके हर सम्भव इन निर्माणों पर कार्यवाही कि जाएगी।
बाइट-लजपाल सिंह सोढा (आयुक्त नगर परिषद जैसलमेर)
रिपोर्ट-सुधीर पाल