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Jodhpur News: आयुर्वेद विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने 2 हजार 416 विद्यार्थियों को बांटी डिग्री

जोधपुर में राज्यपाल कलराज मिश्र राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में पहुचें। जहां उन्होंने कहा कि भारतीय आयुष पद्धतियां, योग, प्राणायाम आदि प्रकृति से जुड़ा जीवन बचाने का ज्ञान है।

Jodhpur News: आयुर्वेद विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने 2 हजार 416 विद्यार्थियों को बांटी डिग्री

जोधपुर में राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक और योग संकाय के 2 हजार 416 विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की हैं । राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय परिसर में नैचुरापैथ और योग महाविद्यालय भवन का ऑनलाइन लोकार्पण भी किया है ।

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कार्यक्रम को किया संबोधित
राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन भारतीय आयुर्वेद चिकित्सकीय ज्ञान को पुस्तकों, शास्त्रों से बाहर लाने और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार उसे विकसित करने की दृष्टि से कार्य करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आयुर्वेद के भारतीय विशिष्ट उत्पादों के पेटेन्टीकरण में भी आगे बढ़े।

'आयुर्वेद असाध्य रोगों में कारगर'
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय आयुष पद्धतियां, योग, प्राणायाम आदि प्रकृति से जुड़ा जीवन बचाने का ज्ञान है। नवीन अनुसंधानों ने इसे प्रमाणित किया है कि आयुर्वेद असाध्य रोगों में भी बहुत कारगर है। उन्होंने कहा कि इस ज्ञान का उपयोग जीवन बचाने के लिए कैसे हो, इस पर विश्वविद्यालय कार्य करे। आयुर्वेद स्वास्थ्य से जुड़ा महती ज्ञान है। इसका उपयोग गरीब, जरूतमंदों की निःस्वार्स्थ भाव से सेवा में किया जाए।

'ऋषियों के बताए यंत्रों का हो आधुनिकीकरण'
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा आई.आई.टी. जोधपुर के साथ मिलकर आर्युटेक के माध्यम से ऋषियों के बताए हुए यंत्रों के आधुनिकीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत 2047’ के संकल्प की पूर्ति के लिए युवाओं को आगे आकर सहभागिता निभाने का आह्वान किया।

'भारत की विरासत को दिशा देने पर फोकस'
उन्होंने कहा कि युवाओं से मेरी यह भी अपेक्षा है कि वो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विकसित करते हुए भारत की इस महान विरासत के जरिए राष्ट्र को एक नई दिशाएं दें। विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग के अंतर्गत अंतराष्ट्रीय सेन्टर ऑफ ऐक्सीलेन्स के निर्माण को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे आयुर्वेद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

समारोह में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बनवारी लाल गौड़, कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल, प्रबंध मंडल के सदस्य, अन्य निकायों के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, उपाधि एवं पदक प्राप्त विद्यार्थी सहित उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

रिपोर्ट - सुधीर पाल