Rajasthan News: बीजेपी की जीत पर भी महारानी नाखुश? ट्वीट्स में छलका दर्द, इशारों में किसपर साधा निशाना ! जानें यहां
राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी की जीत के बाद वसुंधरा राजे के ट्वीट्स ने खड़ा किया सवाल, क्या आलाकमान को दे रहीं हैं कोई संदेश? जानिए उनके ट्वीट्स का मतलब और राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चा।
राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है। सभी भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व और प्रदेशाध्यक्ष मदन रठौर की रणनीति की वाहवाही कर रहे हैं। 2014 के बाद से ये पहली बार है जब बीजेपी ने उपचुनाव में इतना अच्छा प्रदर्शन किया है। हर कोई संगठन से लेकर सत्ता तक के साथ उतरने और चुनावी रण जीतने पर चर्चा कर रहा है लेकिन इसी बीच पूर्व सीएम वुसंधरा राजे का बयान चर्चा में आ गया। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा और यूपी-बिहार समेत कई राज्यों में हुए उपचुनाव में बीजेपी की शानदार जीत पर उन्होंने बधाई दी थी लेकिन इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट भी किया। जिसमें उनका दर्द सामने आ गया। सबसे पहले आप ये ट्वीट देखिए-
बादल कुछ देर तो सूरज को अदृश्य कर सकते हैं,
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) November 23, 2024
पर सूर्य की दमक को रोकने का सामर्थ्य उनमें नहीं . . . #MeraJhalawar #MaharanaPratap pic.twitter.com/wOCwpuHL9W
आलाकमान को वसुंधरा राजे का संदेश ?
राजस्थान की महारानी वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए लिखा- बादल कुछ देर तो सूरज को अदृश्य कर सकते हैं, पर सूर्य की दमक को रोकने का सामर्थ्य उनमें नहीं। ये तो एक ट्वीट था, सिलसिलेवार उन्होंने एक बाद एक ट्वीट किये तो ऐसा प्रतीत कर रहे थे कि वह किसी से अपने दिल की बात करते हुए संदेश दे रही थीं। गौरतलब है, लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार से दूर रहने वाली राजे ने उपचुनाव में भी प्रचार से दूरी बनाई हुई थी।
एक के बाद किये कई ट्वीट
वसुंधरा राजे एक के बाद एक ट्वीट करते हुए लिखा, महाराणा प्रताप के जीवन से हमे यह सीखना चाहिए है कि लोग पीठ में छुरा घोपनें में माहिर होते हैं। महाराणा कभी ऐसा नहीं करते थे और निहत्थे पर वार करने कि बजाय अपने साथ दो तलवारें रखते थे - एक अपने लिए और एक निहत्थे के लिए। महाराणा प्रताप के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और समझना चाहिए कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है। महलों में मख़मल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में काँटों पर सोना पड़ता है। महाराणा का जीवन दर्शन हमे यही सिखाता है। महाराणा का सिद्धांत था अत्यंत विकट परिस्थिति में भी जो हार नहीं मानते हैं, जीत उन्ही की होती है। जो सुख में अति प्रसन्न और संकट में डर कर झुक जाते हैं, उन्हें न तो सफलता मिलती और न ही इतिहास उन्हें याद रखता। महाराणा का जीवन हमें बताता है कि सांप से कितना ही प्रेम करलो, वह अपने स्वभाव के अनुरूप कभी न कभी तो आप पर जहर उगलेगा ही। सर कटालो, लेकिन दुश्मन के सामने कभी सर मत झुकाओ। जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाये, तब तक जागते रहो।
क्या संदेश देना चाह रही हैं राजे
वसुंधरा राजे के बयान के राजनीतिक एक्सपर्ट्स कई मायने निकाल रहे है। कोई इसे भजनलाल शर्मा से जोड़कर देख रहा है तो कोई सीधे दिल्ली बैठे आलाकमान से। गौरतलब है, विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने वसुंधरा राजे को बिल्कुल बायकॉट कर दिया था। उनकी नाराजगी जगजाहिर थी। वहीं, उन्हें बीजेपी से मुख्यमंत्री का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, हालांकि भजनलाल शर्मा को सीएम बनाया पार्टी हाईकमान के इस फैसले से वुसंधरा खेमा खुश नहीं था। खैर, उनके इस बयान पर आगे क्या प्रतिक्रिया आती है। ये तो देखने वाली बात होगी।