Rajasthan By-elections: परिवारवाद के साए में ये सीटें ! कांग्रेस किन्हें बनाएंगी उम्मीदवार,जानें क्या कहते हैं जानकार
Rajasthan By-elections News: राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस के लिए परिवारवाद की चुनौती! सात में से चार सीटों पर पार्टी का कब्जा था, लेकिन अब टिकट बंटवारे में परिवारवाद हावी दिख रहा है। क्या कांग्रेस इन सीटों पर जीत हासिल कर पाएगी?
सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। सात में चार सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था, ऐसे में टिकट बंटवारे को लेकर दावेदारी बढ़ती नजर आ रही है। इन चार सीटों में तीन पर परिवारवाद हावी दिख रहा है। जिसका चर्चा राजनीतिक गलियारों में तेजी हो रही है। बता दें, रिक्त हुई 7 सीटों में चार पर कांग्रेस तो 1-1 बीजेपी, आरएलपी और बीएपी के खाते में आईं थीं। कांग्रेस ने दौसा, झुंझुनु, देवली उनियारा और रामगढ़ सीट पर जीत हासिल की थी। अगर देवली उनियार को छोड़ दिया जाये तो अन्य तीन सीटों पर टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति है।
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चुनाव से पहले कांग्रेस पर हावी परिवारवाद !
चुनावी आंकड़ों को देखते तो दौसा सीट पर कांग्रेस से मुरारीलाल मीना ने जीत हासिल की थी हालांकि उनके सांसद बन जाने के कारण ये सीट रिक्त हो गई। ऐसे में चर्चाएं हैं कांग्रेस किसी नये चेहरे को टिकट देने की बजाय मुरारीलाल मीन की पत्नी सविता मीना या फिर बेटी निहारिका को मैदान में उतार सकती हैं। हालांकि इस सीट से पूर्व विधायक रह चुके जीआर खटाना भी टिकट मांग रहे हैं। दूसरी ओर रामगढ़ सीट पर नजर डालें तो ये सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन से खाली हुई थी। ऐसे में सहानुभूति कार्ड खेलते हुए कांग्रेस जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को टिकट देने पर विचार कर सकती है। झुंझुनूं सीट पर भी परिवारवाद हावी है। यहां से बृजेंद्र ओला विधायक थे लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने पर उन्होने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। अब उनकी पत्नी राजबाला ओला, बेटा अमित ओला या फिर बहू आकंक्षा ओला मैदान में उतर सकते हैं। इससे इतर देवली उनियारा सीट पर नजर डाले तो यहां हरीश मीना विधायक थे सांसद बनने पर ये सीट खाली हुई है।
उपुचनाव के लिए कांग्रेस की तैयारी
दौसा,झुंझुनू,और रामगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस इस्तीफा देने वाले नेताओं के परिवार से किसी शख्स को उतार सकती है। जबकि देवली उनियारा सीट पर मीना-गुर्जर नेता दावेदारी कर रहे हैं। वहीं, नागौर के अंदर आने वाली खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल का प्रभाव माना जाता है। उन्होने लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ा था लेकिन उपचुनावों को लेकर गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं होती दिख रही है। जबकि चौरासी सीट पर बीएपी का कब्जा है। ऐसे में इन सीटों पर कांग्रेस को त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।