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Rajasthan By-Election: राजेंद्र गुढ़ा का 'पाकिस्तान जिंदाबाद' वाला बयान, क्या यह चुनावी स्टंट या सियासी बयान?

राजस्थान उपचुनावों में झुंझुनूं सीट से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा के 'पाकिस्तान जिंदाबाद' नारे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उनके इस बयान की हर तरफ से आलोचना हो रही है।

राजस्थान में सात सीतो पर हो रहे उपचुनावों के लिए मतदान 13 नवंबर हो लेकिन उससे पहले ही सभी दल जीत के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस-बीजेपी हमलावर पर हैं तो दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव रोचक बना दिया है। इसी बीच अकेले मैदान में उतरे राजेंद्र गुढ़ा के बयान ने संग्राम मचा दिया है। उनका बयान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे से जुड़ा हुआ है। जिसके बाद हर कोई उनकी आलोचना कर रहा है। बता दें, गुढ़ा झुंझुनूं सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। 

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आखिर क्या है पूरा मामला?

बता दें, राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि देश के संविधान में कहा लिखा है लोग पाकिस्तान जिंदा के नारे नहीं लगा सकते हैं। ये बिल्कुल जायज है, भारत में लोकतंत्र है और हर शख्स को बोलने की आजादी है। कहा कि भारत में  पाकिस्तानाी एंबेसी है। इसी तरह पाकिस्तान में भारत की एबेंसी है। जब यहां पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लग सकते हैं तो देश में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे क्यों नहीं लग सकते। कोई मुझे बताये संविधान में किसकी मनाही कहा की गई है। बहरहाल, ये कोई पहली बार नहीं है जब गुढ़ा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हो। इससे पहले वह जाति विशेष अधिकारी पर विवादास्पद बयान दे चुके हैं। 

मंत्री रह चुके हैं राजेंद्र गुढ़ा

बता दें, राजेंद्र गुढ़ा पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सरकार से मंत्री रह चुके हैं। हालांकि वह उदयपुरवाटी से निर्दलीय विधायक थे। बीते कुछ सालों में राजस्थान की सियासत में लाल डायरी भी खूब चर्चा हुई थी। ये डायरी गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौर से जुड़ी हुई थी। जिसमें वह अपनी रोजमर्रा की चीजें लिखते थे। गुणा ने दावा किया था कि जब राठौड़ के घर सीबीआई की छापेमारी हुई थी तो काग्रेस नेता धीरज गुर्जर उनके घर गये थे और राठौर के घर से लाल डायरी अपने साथ लाये थे। उन्होंने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोप भी लगाये थे। जिसके बाद उन्हें बर्खास्त करते हुए मंत्री पद छीन लिया गया था।

झंझुनू से भारत रफ्तार के लिए जितेश की रिपोर्ट