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Rajasthan News: 'गाय के नाम पर वोट लेते हैं, लेकिन आं....' , सचिन पायलट के बयान से गरमाई सियासती,एक क्लिक में पढ़ें खबर

सचिन पायलट ने BJP पर जमकर हमला बोला। पायलट ने कहा कि BJP सरकार केवल धर्म और गाय के नाम पर वोट लेना जानती है, लेकिन गायों की सुरक्षा पर खर्च का कोई आंकड़ा नहीं है। उन्होंने सरकार पर जातिगत जनगणना छिपाने का भी आरोप लगाया।

Rajasthan News: 'गाय के नाम पर वोट लेते हैं, लेकिन आं....' , सचिन पायलट के बयान से गरमाई सियासती,एक क्लिक में पढ़ें खबर

राजस्थान में उपचुनाव की सरगर्मी के बीच अब बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इस बार का चुनाव सीएम भजनलाल शर्मा, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की प्रतिष्ठा बचाने का चुनाव है। वह कुछ दिनों पहले विदेश दौरे पर थे लेकिन जब से स्वदेश लौटे हैं। बीजेपी पर हमलावर हैं, एक बार फिर उनके आरोपों ने सनसनी मच दी है। दरअसल, पायलट ने कहा इस सरकार को केवल, धर्म,गाय के नाम पर वोट लेना आती है, लेकिन जब पूछा जाता है गायों की सुरक्षा पर कितना खर्चा किया गयाा, तो इनकी बोलती बंद हो जाती है। इनके पास कोई आंकड़े नहीं है ये बस जतना को बरगलाकर वोट हासिल करना चाहते हैं। 

'सरकार ने छिपाये आंकड़े'

पायलयट यही नहीं रूके उन्होंने कहा, सरकार ने गाय,गरीब और बेजोगारी के आंकड़ों को छिपाया है। यहां तक जातिगत गणना के आंकड़े भी जनता के सामने पेश नहीं किये गये। कांग्रेस हमेशा जातिगत जनगणना की पक्षधर रही है। कोरोना का बहाना देखकर सरकार ने इसे आगे बढ़ा दिया हालांकि भारत सरकार ने जातीय गणना तो दूर की बात है इसे गिनना बंद कर दिया। केंद्र सरकार ने जनता के सामने जातिगत जनगणना के आंकड़े प्रस्तुत नहीं किये। गरीबी रेखा और बेरोजगारी के आंकड़ों का भी यही हाल है। 

जानबूझकर टाली गई जनगणना- पायलट

पालयट ने आगे बोले कि सरकार ने मंशा अनरूप जनगणना जानबूझकर टाली है। कहा, "हमारी पार्टी हमेशा से जातिगत जनगणना की मांग करती आई है, लेकिन भारत सरकार ने न तो जातियों की गिनती कराई और न ही सामान्य जनगणना के आंकड़े जारी किए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार आंकड़ों में खेल न करे और सच्चाई जनता के सामने रखे।  जातिगत जनगणना इसलिए चाहते हैं ताकि बजट का सही इस्तेमाल हो सके और नीति सही तरीके से बनाई जा सके। इससे यह पता चलेगा कि किन लोगों को कहाँ फायदा मिल रहा है। केवल राजनीतिक लाभ के हिसाब से बजट बनाने से सही फायदा नहीं पहुंचता। जातिगत जनगणना जनता के हित की बात करती है।