14 कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में प्रवेश होने पर कांग्रेस का पलटवार, उपचुनाव में हार की आशंका से हो रही है तोड़-फोड़
राजस्थान में उपचुनावों की तैयारी के बीच कांग्रेस के 14 वरिष्ठ नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है, जिससे दोनों दलों के बीच राजनीतिक खींचतान तेज हो गई है। बीजेपी का कहना है कि यह कांग्रेस की आंतरिक गुटबाज़ी का नतीजा है, जबकि कांग्रेस इसे बीजेपी की "तोड़-फोड़ की राजनीति" करार दे रही है।
राजस्थान में उपचुनावों की सरगर्मी के बीच राजनीतिक उठा-पटक जारी है। हाल ही में कांग्रेस के 14 वरिष्ठ नेता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए हैं, जिसके बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।
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जयपुर में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा की मौजूदगी में नागौर और सवाई माधोपुर जिलों के इन नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को बीजेपी की "तोड़-फोड़ की राजनीति" का हिस्सा बताया है, जबकि बीजेपी का कहना है कि यह कांग्रेस के भीतर की गुटबाज़ी का परिणाम है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर साधा निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियदर्शी भटनागर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "बीजेपी को उपचुनावों में अपनी हार स्पष्ट दिख रही है। अपनी स्थिति कमजोर होती देख वह विपक्षी नेताओं को धमकाकर और डरा कर अपनी पार्टी में शामिल कर रही है। बीजेपी का डबल इंजन पिछले 11 महीनों में कोई ठोस काम नहीं कर पाया है, इसलिए वह तोड़-फोड़ की राजनीति कर रही है।"
कांग्रेस नहीं संभाल पा रही अपने नेता
इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता महिपाल महला ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस अपने ही नेताओं को संभाल नहीं पा रही है, इसलिए वे पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। 99% लोग जो हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं, वे कांग्रेस के हैं। बीजेपी में अनुशासित नेता हैं, किसी ने पार्टी नहीं छोड़ी।"
चुनाव के समय नेताओं ने पार्टी छोड़ी
यह पहली बार नहीं है जब चुनाव के समय विपक्षी नेताओं का पार्टी बदलना देखा गया है। कांग्रेस प्रवक्ता भटनागर ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी ने "डर और धमकी" की राजनीति करते हुए कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं को अपने पाले में किया था। उन्होंने कहा, "तोड़-फोड़ की इस राजनीति का असर उल्टा होगा, और जनता इसे बखूबी समझती है। सातों सीटों पर कांग्रेस की जीत निश्चित है।"
कांग्रेस की कमी
बीजेपी का कहना है कि यह सिर्फ असंतुष्ट नेताओं का जाना है और इससे कांग्रेस का असंतोष और नेतृत्व की कमी उजागर होती है। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि इस "तोड़-फोड़" की रणनीति से पार्टी को नुकसान नहीं होगा, बल्कि ऐसे नेता जो पार्टी के हितों से पहले अपने व्यक्तिगत हितों को रखते हैं, उनका चले जाना पार्टी के लिए अच्छा है।