Rajasthan News: कर्ज उतारने के लिए माता-पिता बेच रहे बेटियों का जिस्म, दर्दनाक हकीकत जान कांप जाएगी रूह
राजस्थान के कई जिलों में लड़कियों को कर्ज उतारने के लिए लीज पर दिए जाने की समस्या बढ़ रही है। इस मुद्दे पर जानकारी और समाधान के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
लीज में मकान-घर प्रॉपर्टी लेते हुए सबको सुना होगा लेकिन राजस्थान के हड़ौती मे साथ 10 से ज्यादा जिलों में बेटियां पांच साल की लीज पर बेची जा रही हैं। दरअसल, ये हम नहीं बल्कि दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट कर रही है। ये जाल केवल राजस्थान में नहीं बल्कि यूपी-एमपी में भी फैला है। बेटियों को लीज पर बेचने वाले कोई दलाल नहीं बल्कि बच्चियों को जन्म देने वाले माता-पिता हैं। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है ये घिनौना कृत्य प्रदेश के 10 जिलों से ज्यादा जिलों में किया जा रहा है। इनमें सवाईमाधोपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, टोंक, भरतपुर, अलवर, झालावाड़, बारां तथा जयपुर के चाकसू व जोधपुर शामिल हैं। यहां पर लड़कियों को पांच साल तक 10 लाख रुपए की लीज पर दिया जाता है। ऐसे में सवाल ये भी है कि माता-पिता ऐसा क्यों करते हैं तो उत्तर है कर्ज उतारने के लिए। परिवार का कर्ज लड़कियां अपने जिस्म का सौदा कर उतार रही हैं। जिसकी भरपाई शायद ही जिंदगी में कभी हो पाए। अगर कोई लड़की भागकर घर लौट आती है परिवार वाले उसे फिर से दलाल के पास छोड़ आते हैं जबतक उनका कर्जा नहीं उतर जाता। तब तक हर दिन लड़की की आबरू को नोचा जाता है। इससे इतर पुलिस और CWC की पहल पर अब लड़कियां घर वापसी कर रही हैं।
इन किस्सों से कांप जाएगी रूह
रिपोर्ट में ऐसे कई किस्सों का जिक्र किया गया है तो आत्मा को छलनी कर दें। आठ साल की बच्ची को माता-पिता ने कर्ज उतारने के लिए तीन साल की लीज पर दे दिया। हर दिन 5-10 बार दुष्कर्म। झालवाड़ की रहने वाली बच्ची का सौदा 2020 में बूंदी जिले में स्थित एक गांव में किया गया। नशे के दवाई देकर मारपीट से दुष्कर्म का सिलसिला कई सालों तक चला। 2021 में पुलिस ने एनजीओ के सहयोग से बच्ची का रेसक्यू किया। हालत इतनी खराब थी कि वह छह महीने तक मेंटल ट्रामा में रही। ये एक मामला नहीं है। ऐसा ही मामला बूंदी से सामने आया था। एक मां ने 13 साल की नाबालिग बच्ची का सौदा कर लिया। मां पर 18 लाख का कर्ज था। उसे बेटी को आगार में एक ठेकेदार के भेज दिया। जहां नाबालिग को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया गया। कमाई का 50 फीसदी हिस्सा दलाल तो 50 फीसदी हिस्सा को मां को दिया जाता। किसी तरह बच्ची का रेसक्यू किया गया। उसकी हालत खराब थी,शरीर में खून न के बराबर था। अस्पताल मे लंबे वक्त तक बच्ची का इलाज चला।
कर्ज उतारने के लिए तीन बार लीज पर दी बच्ची
राजस्थान के कुछ जिलों में लड़कियों को कर्ज उतारने, घर खर्च चलाने का सामान माना जाता है। रिपोर्ट में भीलवाड़ा के एक केस का जिक्र किया गया है। जहां एक महिला ने तीन बार बेटी को लीज पर दिया। 2019 में परिवार पर ढेड़ लाख का कर्ज था तो उन्हें ग्वालियर भेज गिया गया, फिर सवाईमाधोपुर और फिर पांच लाख रुपए पर नागपुर में। जब पुलिस ने नागपुर में रेड की तो बच्ची ने अपने साथ हुई घटना का जिक्र किया। जिसके बाद पुलिस ने उसे CWUC के सुपुर्द किया। वहीं, आंकड़ें भीपर गवाही देते हैं कि राजस्थान में लगातार इन मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। बीते तीन सालों में ऐसे 30 केस सामने आ चुके हैं। ज्यादातर लड़कियों के परिवार कर्ज में डूबे थे और परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उन्हीं पर थीं। अभी तक समिति के पास 13 एफआईआर हैं। जहां 17 गिरफ्तारियां की गई हैं। बच्ची इस दलदल से निकलकर सामान्य जिंदगी जीना चाहती हैं लेकिन परिवार वाले घर खर्च और कर्ज का वास्ता देकर उन्हें दोबारा लीज पर दे देते हैं। यही वजह है, परिवार के बंधन से जुड़कर न जानें कितनी लड़कियों का जीवन बर्बाद हो चुका है।