Rajasthan By-Election: बेनीवाल vs डांगा, कौन किस पर भारी? इस बार जनता ने की बड़ी तैयारी, पढ़ें Exclusive Report
राजस्थान के खींवसर में होने वाले उपचुनाव में जनता किसके साथ है? हम आपके लिए खींवसर की ग्राउंड रिपोर्ट लेकर आए हैं, जिसमें स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बार कौन बाजी मारेगा।
राजस्थान में उपचुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही माहौल भी गरमाता जा रहा है। सियासी पंडितों की निगाहें इस बार खींवसर सीट पर टिकी हैं,जहां से कनिका बेनीवाल और रेवंत डांगा के बीच कड़ा मुकाबला है। वैसे तो ये सीट बीते 18 सालों से आरएलपी का गढ़ है पर बीते विधाानसभा चुनावों में रेवंत ने बेनीवाल को ऐसी चुनौती दी थी,जिसके उम्मीद शायद नागौर सांसद को भी नहीं थी। ऐसे में राजनीतिक पंडिंत कुछ भी कहें पर जनता क्या कहती है ये जानना जरूरी है। हम आपके लिए खींवसर की जनता की ग्राउंड रिपोर्ट लेकर आये हैं। जहां जनता ने बता दिया कि इस बार उपचुनाव में कौन बाजी मारेगा।
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खींवसर में विकास के मुद्दे
जब युवाओं से उपचुनाव में खींवसर के मुद्दे पूछे तो गए तो उन्होंने कहा, जबसे हनुमान बेनीवाल आये हैं तबसे विकास हो रहा है। अच्छी सड़कों से पानी की टंकियों तक। हर बुनियादी सुविधा उन्होंने जनता को दी है। अब हमारा मुद्दा इलाके को शिक्षित करना है, जिसके लिए खुद बेनीवाल वादा कर चुके हैं। वहीं, रेवंत राम डांगा पर कहा कि हमें कोई पढ़ा हुआ नेता चाहिए कनिका बेनीवाल हमारी नेता हैं, जबकि रेवंत डांगा खुद आठवी पास हैं, तो वो जनता के मुद्दों को आगे कैसे बढ़ाएंगे। हमे ऐसा लीडर चाहिए तो विधानसभा तक खींवसर की जनता की आवाज उठा सके।
'बीजेपी खुद परिवारवाद के भरोसे'
कनिका बेनीवाल को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद बीजेपी लगातार बेनीवाल पर परिवारवाद का आरोप लगा रही है, जब जनता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ऐसा कुछ नहीं है। अगर बीजेपी को परिवारवाद से इतनी दिक्तत है तो रेवंत डांगा को प्रत्याशी क्यों बनाया है,जिनकी पत्नी खुद प्रधान रह चुकी है। खींवसर की जनता समझदार है। यहां पर बीजेपी का कोई कैडिंडेट नहीं है, डांगा कभी आरएलपी में थे, जहां उन्हीं के भरोसे बीजेपी बेनीवाल को हराने के सपने देख रही है। आरएलपी हमेशा जमीनी मुद्दों के साथ चुनाव ल़ड़ रही है। बहरहाल,खींवसर का रण कौन जीतता है देखना दिलचस्प होगा।