Rajasthan में सियासी भूचाल,मुश्किलों में भजनलाल सरकार, आलाकमान जल्द करेंगे बड़ा बदलाव? इन कारणों से उठे सवाल
राजस्थान में सियासी उथल-पुथल से हलचल मच गई है। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा के बयान ने इन अफवाहों को और हवा दे दी है। ऐसे में जानें क्या भजनलाल सरकार में बड़ा बदलाव होने वाला है।
राजस्थान में कुछ ठीक नहीं चला रहा। ये हम नहीं बल्कि सामने आ रही तस्वीरें कह रही हैं। जहां डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के बेटे की रील वायरल होना गले की फांस बनता जा रहा है, तो दूसरी तरफ किरोड़ीलाल मीणा अपनी सरकार के खिलाफ मुखर हैं। राजस्थान कांग्रेस कई बार प्रदेश सरकार पर आपसी असामंजस्य न होने पर निशाना साध चुकी है लेकिन अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐसा दावा किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल और ज्यादा तेज हो गई। डोटासरा का दावा है आगामी दिनों में राजस्थान सरकार में बड़ा बदलाव होने वाला है,कई लोगों की पर्चियां कटने वाली है। ये बयान उस वक्त चर्चा में आ गया जब सीएम भजनलाल को हरियाणा प्रचार छोड़कर सीधे दिल्ली तलब किया गया।
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ये तीन मुद्दे बने गले की फांस
जानकारी के अनुसार,बीजेपी आलाकमान ने राजस्थान में हो रहे सियासी घटनाक्रम को संज्ञान लेते हुए भजनलाल शर्मा को दिल्ली बुलाया था। जबसे भजनलाल सत्ता में आए हैं उनकी पार्टी नेता ही नाराज चल रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा नाम किरोड़ीलाल मीणा का है। उन्होंने बीते महीनों इस्तीफा दे दिया था। वह भले कैबिनेट से दूर होx लेकिन राजनीति में अभी भी एक्टिव है। एक तरफ सरकार उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रही तो दूसरी ओर वह पीछे हटने को तैयार नहीं है। मीणा पेपर लीक मामले से लेकर स्वास्थ्य विभाग पर आये दिन खुलासे कर रहे हैं,यहां तक वह अपनी ही सरकार से सवाल पूछ चुके हैं। वहीं, दूसरा मामला डिप्टी सीएम प्रेमचन्द बैरवा के बेटे की रील से जुड़ा है। सूत्रों की मानें तो भजनलाल शर्मा और जेपी नड्डा के बीच हुई मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन सबसे ज्यादा फोकस उपमुख्यमंत्री पद रहा। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि नवरात्रि बाद किरोड़ीलाल मीणा उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं हालांकि इस मुलाकात के बाद तस्वीर साफ हो गई है कि बैरवा अपने पद पर बने रहेंगे। साथ ही मंत्रीमंडल विस्तार पर की चर्चा भी जोरों-शोरों से हुई।
डॉ किरोड़ी लाल मीणा के उपमुख्यमंत्री बनने की खबर पर कई लोगों को आश्चर्य हो रहा है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
— pooja pie (@miss_pooja77) October 3, 2024
उनके उपमुख्यमंत्री बनने से युवाओं के लिए नई उम्मीदें जगी हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस भूमिका में कैसे अपना कार्य करते हैं।… pic.twitter.com/NldpMLQwwl
10 महीने में भजनलाल सरकार की किरकिरी
10 महीने में भजनलाल सरकार के खिलाफ उनके मंत्री-विधायक मोर्चा खोल चुके हैं। मंत्रियों की नाराजगी और अन्य मुद्दों के कारण सरकार की भी छवि खराब हुई है। कयास है इसी बात पार्टी आलाकमान नाखुश है। बता दें, प्रदेश में ट्रांसफर नीति पर विवाद जस का तस बना हुआ है। कई मंत्री इसके समर्थन में नहीं है। वहीं, कई मंत्री अपने स्टाफ को लेकर संतु्ष्ट नहीं है। मंत्रियों को खुश करने के लिए कई अधिकारियों का फेरबदल किया गया हालांकि इसका कोई असर नहीं आयाा। इससे इतर राजस्थान की सात सीटों पर उपचुनाव होने है। चुनावी तैयारियां तो दूर की बात है पार्टी अंदरूनी विवाद से नहीं उभर पा रही है। ऐसे में जेपी नड्डा और अमित शाह को दखल देना पड़ा। मौजूदा सरकार की खामियां सबके सामने आ चुकी हैं। जिसके बाद से कांग्रेस बीजेपी पर हावी है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा दिल्ली में आलाकमान से मिलने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कैसे रणनीति तैयार कर पार्टी नेताओं को संतुष्ट कर पाते हैं।