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Rajasthan Politics: सचिन पायलट का बड़ा खुलासा, उनके कहने पर पार्टी ने अशोक गहलोत का बनाया था राजस्थान का मुख्यमंत्री

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री, दिग्गज नेता और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बेबाक शब्दों में बातचीत की। उन्होंने साल 2018 में खुद को मुख्यमंत्री न बनाने, कांग्रेस की चुनावी रणनीति, राजस्थान में कांग्रेस की हार, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के परफॉरमेंस जैसे कई मुद्दों बेबाक राय रखी। लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात ने बटोरी, जब सचिन पायलट ने 6 साल बाद खुलासा किया कि साल 2018 में मुख्यमंत्री न बनने का फैसला उनका खुद का था और कांग्रेस पार्टी ने उनसे राय मशवरा करके ही अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था। 

Rajasthan Politics: सचिन पायलट का बड़ा खुलासा, उनके कहने पर पार्टी ने अशोक गहलोत का बनाया था राजस्थान का मुख्यमंत्री
Rajasthan Politics: सचिन पायलट का बड़ा खुलासा, उनके कहने पर पार्टी ने अशोक गहलोत का बनाया था राजस्थान का मुख्यमंत्री

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री, दिग्गज नेता और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बेबाक शब्दों में बातचीत की। उन्होंने साल 2018 में खुद को मुख्यमंत्री न बनाने, कांग्रेस की चुनावी रणनीति, राजस्थान में कांग्रेस की हार, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के परफॉरमेंस जैसे कई मुद्दों बेबाक राय रखी। लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात ने बटोरी, जब सचिन पायलट ने 6 साल बाद खुलासा किया कि साल 2018 में मुख्यमंत्री न बनने का फैसला उनका खुद का था और कांग्रेस पार्टी ने उनसे राय मशवरा करके ही अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था। 
पार्टी ने मुझसे राय लेकर बनाया था अशोक गहलोत को सीएम
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मतभेद की कई रिपोर्ट सामने आई हैं। पार्टी के दोनों बड़े और दिग्गज नेता साल 2018 में मुख्यमंत्री की रेस में थे, लेकिन फिर अशोक गहलोत का सीएम बनाया गया। अब 6 साल बार सचिन पायलट ने कहा है कि ‘वो निर्णय पार्टी का था और आज में यह कहना चाहूंगा कि, वो फैसला भी पार्टी ने मुझसे राय मशवरे के बाद लिया था। उन्होंने कहा, जो किस्मत में होता है मिलता है, जो नहीं होता नहीं मिलता।'
हार मिली लेकिन दी विरोधियों को अच्छी फाइट
सचिन पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनबन वाले रिश्तों के चलते पिछले विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर जो असर था, उसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि, ‘2013 के विधानसभा चुनाव में जब हम हारे थे तो हमारी 21 सीटें आईं थीं। लेकिन 2023 के चुनाव में जब हम हारे हैं तो हम 71 सीटें जीते हैं। हम जब भी हारते थे 20-21 या 50 तक सिमट जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। भले ही हम सरकार रिपीट नहीं करवा पाए हों, लेकिन हमने अच्छी फाइट दी। हमने सबने मिल कर चुनाव लड़ा’।
इसी के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राजस्थान में पर्यवेक्षकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक न होने के बारे में पायलट ने कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा कभी नहीं हुआ। मुझे लगता है मीटिंग हो जानी चाहिए थी। गहलोत पर फ़ोन टैपिंग के मामले पर उन्होंने कहा कि, राजनीति में ऐसा चलता रहता है, इन बातों का कोई अंत नहीं। 
राजस्थान में लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा, राजस्थान में 10 साल से सभी सांसद भाजपा के चुने गए। लेकिन वो राजस्थान के लिए कोई बड़ा काम नहीं कर पाए। 4 महीने पहले बनी बीजेपी की सरकार प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई, हम राजस्थान में भाजपा से अच्छा प्रदर्शन करेंगे।