दिल्ली से जयपुर तक खराब हवा का असर, राजस्थान के भी कई शहरों में प्रदूषण का कहर
सर्दी के मौसम में देश के कई हिस्सों, विशेष रूप से दिल्ली और राजस्थान के विभिन्न शहरों में, वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से खतरनाक स्थिति तक बढ़ रहा है। जयपुर और भिवाड़ी समेत अन्य शहरों में AQI 300 के पार पहुंच गया है, जिससे हवा में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कणों का स्तर अधिक हो गया है।
सर्दी के आते ही देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है। जब भी प्रदूषण की बात होती है, दिल्ली का नाम अक्सर पहले आता है क्योंकि यहाँ सर्दियों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है। लेकिन केवल दिल्ली ही नहीं, राजस्थान के कई शहर भी इस समय गंभीर वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र से लेकर पूर्वी राजस्थान तक के जिलों की हवा में जहरीले कणों का स्तर बढ़ता जा रहा है। राजधानी जयपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 तक पहुँच गया है, जो इसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखता है।
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जयपुर के अलावा, भिवाड़ी में भी हालात चिंताजनक हैं, जहां AQI 302 दर्ज किया गया है, जो हवा की गुणवत्ता को 'बहुत खराब' श्रेणी में लाता है। वहीं, चूरू का AQI 247, दौसा का 198, और धौलपुर का 218 दर्ज किया गया है, जो हवा को 'खराब' और 'अत्यधिक खराब' श्रेणी में रखते हैं।
बूंदी और जोधपुर में भी प्रदूषण का असर
राजस्थान के अन्य शहरों में भी हालात अच्छे नहीं हैं। बूंदी में AQI 131, चित्तौड़गढ़ में 114 और जोधपुर में 141 का स्तर दर्ज किया गया है, जो सभी 'मध्यम' से 'खराब' श्रेणी में आते हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरी मानी जा रही है। हालांकि, कुछ स्थानों पर स्थिति थोड़ी बेहतर है। बांसवाड़ा में AQI 100 है, जो 'अच्छा' श्रेणी में आता है, और डूंगरपुर में AQI 86 है, जो 'संतोषजनक' श्रेणी में गिना जा सकता है।
दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण
दिल्ली में हर साल दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर और भी खतरनाक हो जाता है। इस बार भी दिल्ली में औसत AQI 328 तक पहुँच गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। इसके कारण दिल्ली के निवासियों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और सीने में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वायु प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को देखते हुए स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता है। लोगों को इस दौरान घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतने और मास्क पहनने की सलाह दी जाती है, ताकि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके।