Rajasthan By-Election: फिर चुनावी मैदान में उतरेंगी 'महारानी', उपचुनाव में दिखाएंगी दमखम, इन समीकरणों पर पड़ेगा असर !
राजस्थान में उपचुनावों की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक माहौल गरम हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजनीतिक वापसी करने की चर्चाओं ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। जानें मामला।
राजस्थान में उपचुनाव भले 13 नवंबर को है लेकिन दिन पर दिन यहां सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। एक तरफ सात सीटें जीतने के लिए बीजेपी भरसक कोशिश कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी आत्मविश्वास में नजर आ रही है। पर इनसब के बीच सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की। खबरें आ रही है वह राजस्थान की सियासत में एक बार फिर नए कलेवर में नजर आ सकती हैं। जिसके बाद से सियासी गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कहा तो यह भी जा रहा है कि वह झुंझुनू विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी के लिए प्रचार भी कर सकती हैं। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
राजेंद्र भांपू के लिए प्रचार करेंगी वसुंधरा राजे !
गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था और काफी हद तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को साइड लाइन कर दिया था। जिससे वह नाराज भी थीं और उन्होंने धीरे-धीरे बीजेपी से दूरी बनाना शुरू कर दिया था। दूसरी ओर 4 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे संगठन से काफी दूर दिखाई थीं। उन्होंने बेटे दुष्यंत सिंह के लिए अपने गढ़ झालावाड़ में जमकर प्रचार किया था हालांकि इस सीट के अलावा वे कहीं भी प्रचार करने नहीं गईं। अब उपचुनावों को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। कई सूत्र बताते हैं, वसुंधरा राजे झुंझुनू से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भांपू के समर्थन में जनसभा भी कर सकती है। दरअसल, राजेंद्र को वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं है कि वह उनके लिए प्रचार करें। अभी तक इस बारे में कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
राजस्थान की सियासत लेगी नया मोड़?
चुनावी मैदान में वसुंधरा राजे के उतरने की अफवाहों को जोर तब मिला जब बीजेपी के मदन राठौड़ ने इस बारे में संकेत दिया। इससे इतर वसुंधरा राजे अभी भी आलाकमान से नाराज बताई जाती है कहा तो यह भी जा रहा है उनकी नाराजगी पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव जुड़ी है जबकि उनकी दूसरी नाराजगी भजनलाल शर्मा को लेकर भी है। वह बड़े-बड़े कार्यक्रमों से नदारद रहीं। चाहे वह संगठन का कार्यक्रम हो या फिर पार्टी के। लोकसभा चुनाव में भी वह बेटे के अलावा किसी और प्रत्याशी के लिए प्रचार करते हुए नजर नहीं आईं थीं। ऐसे में देखना रोचक होगा वह उपचुनाव में बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए उतरती हैं या नहीं।