डीडवाना में क्या छिपा रहा था बूंदी का 'शिक्षक हत्यारा'? मुखबिर की सूचना फिर पुलिस के जाल में फंसा 'गुरप्रीत' का खूनी खेल
गुरप्रीत पर बूंदी के कोतवाली थाने में एससी-एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज था। पुलिस ने उसे तुरंत बूंदी पुलिस के हवाले कर दिया, जहां उससे पूछताछ जारी है। इस गिरफ्तारी से शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझने की उम्मीद बढ़ गई है।
डीडवाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शिक्षक हत्याकांड के आरोपी और 25 हज़ार रुपये के इनामी अपराधी गुरप्रीत उर्फ गोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बूंदी में हुए इस चर्चित हत्याकांड का ये मुख्य आरोपी लंबे समय से फरार था, जिससे पुलिस के लिए ये गिरफ्तारी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
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डीएसटी का 'ऑपरेशन गुरप्रीत'
डीडवाना-कुचामन क्षेत्र में गुरप्रीत के छिपे होने की गुप्त सूचना मिलने पर डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) ने तत्परता से कार्रवाई की। टीम प्रभारी राजेश कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने तकनीकी सर्विलांस और स्थानीय मुखबिरों की मदद से गुरप्रीत को ट्रैक किया। आखिरकार, उसे एक सुनियोजित ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया गया।
'शिकारी' बना 'शिकार’
गुरप्रीत पर बूंदी के कोतवाली थाने में एससी-एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज था। पुलिस ने उसे तुरंत बूंदी पुलिस के हवाले कर दिया, जहां उससे पूछताछ जारी है। इस गिरफ्तारी से शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझने की उम्मीद बढ़ गई है।
डीएसटी का 'ऑपरेशन गुरप्रीत'
जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा और वृत्ताधिकारी धरम पुनिया के मार्गदर्शन में ये कार्रवाई सफल हुई। डीएसटी टीम की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी दक्षता की हर ओर प्रशंसा हो रही है।
हत्याकांड से जुड़े गहरे राज आएंगे सामने
गुरप्रीत की गिरफ्तारी न केवल पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है, बल्कि स्थानीय जनता में सुरक्षा की भावना भी बढ़ा रही है। पुलिस अब गुरप्रीत से अन्य आरोपियों और इस हत्याकांड से जुड़े गहरे राज जानने की कोशिश कर रही है। ये घटना अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है कि कानून से भागना नामुमकिन है।
रिपोर्ट - मो. साकिर बेहमिल