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'पेड़ लगाओ, प्रकृति बचाओ, फोटो खिंचाने से नहीं चलेगा काम' RSS श्रेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने दिया संदेश

अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान के तहत प्रताप नगर में महिलाओं ने एक दिन में 1000 पेड़ लगाकर प्रकृति बचाओ का संदेश दिया। RSS क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने महिलाओं को वृक्षारोपण के महत्व और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया।

'पेड़ लगाओ, प्रकृति बचाओ, फोटो खिंचाने से नहीं चलेगा काम' RSS श्रेत्रीय प्रचारक  निंबाराम ने दिया संदेश

अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने  प्रताप नगर सेक्टर 7 स्थित प्रज्ञासागर उद्यान में महिलाओं और मातृशक्तियों को संबोधित किया। वहीं महिलाओं ने प्रकृति बचाओं का संदेश देते हुए एक दिन में 1000 पेड़ लगाए। इस मौके पर निंबाराम ने कहा कि वृक्षारोपण केवल फोटो के लिए न किया जाए, बल्कि इस बात की चिंता और संकल्प हो कि लगाए गए पेड़ जीवित रहें। मातृशक्ति अपने घरों के सामने कम से कम एक पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करें और हर साल उसका जन्मदिन मनाने का संकल्प लें। 

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जनता को दिया वायनाड लैंडस्लाइड का उदाहरण 

निंबाराम ने कहा कि हमें देश से बहुत कुछ मिलता है, और अब समय आ गया है कि हम भी देश को कुछ लौटाएं। अगर हम सिर्फ लेते रहेंगे और देने की दिशा में कोई प्रयास नहीं करेंगे, तो स्थिति ज्यादा दिन नहीं चलेगी। वायनाड की हाल की स्थिति इसका उदाहरण है। उन्होंने पर्यावरण के प्रति बढ़ती चिंताओं पर जोर दिया और कहा कि पिछले 20 वर्षों में वनों की कटाई ने पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ा है, जिसे ठीक करने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी जरूरी है, खासकर मातृशक्ति की।अमृता देवी पर्यावरण के संरक्षण का प्रतीक हैं, और आज का वृक्षारोपण अभियान उन्हीं के आदर्शों से प्रेरित है। पर्यावरण की रक्षा के लिए अमृता देवी और 363 महिलाओं द्वारा दिए गए बलिदान को उन्होंने याद किया। ॉ निंबाराम ने तुलसी और पीपल जैसे पौधों के वैज्ञानिक महत्व पर भी प्रकाश डाला।

'जैसा आप देंगे, वैसा ही मिलेगा'

विशिष्ट अतिथि, विवेकानंद आश्रम के स्वामी एस.पी. आचार्य ने 'WATCH' शब्द की व्याख्या करते हुए बताया कि हमें अपने शब्द, क्रिया, विचार, चरित्र और स्वास्थ्य पर हमेशा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप दूसरों को दुख देंगे, तो आपको भी दुख मिलेगा, और अगर आप दूसरों को सुख देंगे, तो आपको भी सुख मिलेगा। जैसा आप देंगे, वैसा ही आपको ईश्वर लौटाएगा। इस अवसर पर स्वामीजी ने पर्यावरण से जुड़े अपने विचार भी साझा किए।