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25 लाख दीपों से रोशन होगी रामलला की अयोध्या नगरी, नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दीपोत्सव 2024 की भव्य तैयारी जोरों पर है। योगी सरकार इस अवसर पर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के नेतृत्व में 30,000 वॉलंटियर्स की मदद से 25 लाख से अधिक दीप जलाए जाएंगे।

25 लाख दीपों से रोशन होगी रामलला की अयोध्या नगरी, नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दीपोत्सव 2024 का आयोजन ऐतिहासिक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस अवसर पर नया विश्व कीर्तिमान बनाने की तैयारी में है। इस साल के दीपोत्सव का आयोजन डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के नेतृत्व में किया जा रहा है, जिसमें 30,000 वॉलंटियर्स की मदद से 25 लाख से अधिक दीपों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है।

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दीपोत्सव की तैयारियों का कार्य मंगलवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट के नेतृत्व में शुरू हुआ। 30 सदस्यीय टीम ने सरयू नदी के 55 घाटों पर दीपों की गणना करने के लिए पर्यवेक्षकों, घाट प्रभारियों, समन्वयकों और गणना वॉलंटियर्स की उपस्थिति में कार्य प्रारंभ किया।

वॉलंटियर्स के लिए दिशा-निर्देश

विश्वविद्यालय प्रशासन ने वॉलंटियर्स और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। दीपोत्सव के दिन, 30 अक्टूबर को दीयों में तेल भरने के लिए प्रत्येक वॉलंटियर को एक लीटर सरसों का तेल दिया जाएगा। 28 लाख बिछाए गए दीपों में सावधानीपूर्वक तेल डाला जाएगा और घाटों पर गिरने वाले तेल का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

55 घाटों पर 28 लाख दीयों के सजाने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस दौरान विश्वविद्यालय ने पर्यवेक्षकों, घाट प्रभारियों और गणना वॉलंटियर्स की दो हजार से अधिक सदस्यों की एक टीम तैनात की है। दीपोत्सव की भव्यता को विश्व स्तर पर दर्शाने के लिए घाट नंबर 10 पर 80,000 दीयों से स्वास्तिक सजाया गया है, जो शुभता का संदेश देगा।

सुरक्षा के विशेष प्रबंध

दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से सभी सुरक्षा उपाय किए हैं। घाटों पर सुरक्षा को मजबूत किया गया है, और बिना आई कार्ड के प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से पर्यवेक्षकों और वॉलंटियर्स की देखरेख में 25 लाख से अधिक दीयों में तेल डालने और बाती लगाने का कार्य होगा। शाम को दीप जलाने का कार्य निर्धारित समय पर किया जाएगा, जिससे दीपोत्सव की रौनक और भी बढ़ जाएगी।