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कुंभ में मुस्लिम वेंडर्स पर प्रतिबंध की मांग ने पकड़ा जोर, धीरेंद्र शास्त्री ने समर्थन करते हुए पदयात्रा का किया ऐलान

प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ के संबंध में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को कुंभ मेले में वेंडर लाइसेंस जारी न करने की मांग की गई है। 

कुंभ में मुस्लिम वेंडर्स पर प्रतिबंध की मांग ने पकड़ा जोर, धीरेंद्र शास्त्री ने समर्थन करते हुए पदयात्रा का किया ऐलान

प्रयागराज में वर्ष 2025 में होने वाले महाकुंभ को लेकर विभिन्न हिंदू धार्मिक नेताओं के बीच चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का समर्थन किया है।

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उन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक सभा के दौरान कहा कि जैसे मक्का-मदीना में गैर-मुस्लिमों को प्रवेश की अनुमति नहीं होती, वैसे ही कुंभ जैसे हिंदू धार्मिक आयोजन में भी मुस्लिम समुदाय का सहभाग्य उपयुक्त नहीं माना जाना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद के इस निर्णय के साथ वह खड़े हैं, और उनका मानना है कि धर्म का सम्मान सभी समुदायों को करना चाहिए।

धीरेन्द्र शास्त्री ने उठाए सवाल

इस दौरान शास्त्री ने पिछले दिनों हुए विवादों का उल्लेख किया और कहा कि कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों की हरकतों के कारण हिंदू समुदाय का विश्वास कमजोर हुआ है। उन्होंने “थूक कांड” जैसे मामलों का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि ऐसी हरकतों पर फतवा क्यों नहीं जारी किया गया। उन्होंने इस दोहरी मानसिकता की आलोचना की और इसे अस्वीकार्य बताया। इसके साथ ही, उन्होंने बस्तर क्षेत्र में धर्मांतरण रोकने के लिए पदयात्रा का ऐलान किया, जिससे आदिवासी समाज को अपनी धार्मिक जड़ों से जोड़ा जा सके और धर्मांतरण किए लोगों की घर वापसी सुनिश्चित हो सके।

मुस्लिम वेंडर को लाइसेंस जारी न करने का प्रस्ताव

गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद ने कुंभ मेले में मुस्लिम समुदाय के लोगों को वेंडर लाइसेंस जारी न करने का प्रस्ताव पास किया है। परिषद के अनुसार, कुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में बाहर के समुदाय के लोगों को शामिल करने से सनातन परंपरा को नुकसान हो सकता है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सरकार से इस प्रस्ताव को लागू करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना आवश्यक है।

साधु-संत कभी समुदाय में नहीं करता भेदभाव

महंत रवींद्र पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि साधु-संत कभी मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव नहीं करते हैं और कई मुसलमान अखाड़ों में काम भी करते हैं। लेकिन हाल ही के कुछ विवादों ने इस मामले को गंभीर बना दिया है और परिषद इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।