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लखनऊ का चर्चित मोहिनी हत्याकांड, खुला राज तो हर कोई हैरान, कैसे खुला रिटायर्ड आईएएस की पत्नी की हत्या का राज ?

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिटायर्ड IAS के घर में लूट के बाद उनकी पत्नी मोहिनी दुबे का कत्ल  कर दिया गया था। पुलिस ने उनके घर में काम करने वाले दो ड्राइवर भाइयों समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

लखनऊ का चर्चित मोहिनी हत्याकांड, खुला राज तो हर कोई हैरान, कैसे खुला रिटायर्ड आईएएस की पत्नी की हत्या का राज ?

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिटायर्ड IAS के घर में लूट के बाद उनकी पत्नी मोहिनी दुबे का कत्ल  कर दिया गया था। पुलिस ने उनके घर में काम करने वाले दो ड्राइवर भाइयों समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रिटायर्ड आईएएस के घर से एक करोड़ रुपए के जेवरों की लूट की गई थी। हैरानी की बात यह है कि इस वारदात को रिटायर्ड IAS के भरोसेमंद ड्राइवर अखिलेश ने ही अपने दोस्त रंजीत संग मिलकर अंजाम दिया। लूट और हत्या की साजिश उसने 15 दिन पहले ही बना ली थी। ड्राइवर के भाई रवि ने इस वारदात में उसका पूरा साथ दिया। हत्या और लूट की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। मोहिनी दुबे के हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने शहर भर की 1060 नीली स्कूटियों को चेक किया तब जाकर कहीं हत्या की गुत्थी सुलझी।

हत्यारों को खोजने में पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत

सीसीटीवी फुटेज में नीले रंग की एक स्कूटी कैद हुई, जिस पर सवार होकर ड्राइवर अखिलेश अपने दोस्त रंजीत के साथ लूट और हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ।उस नीले रंग की स्कूटी तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। आरोपियों तक पहुंचने के लिए जॉइंट कमिश्नर क्राइम आकाश कुलिहर ने एसीपी गाजीपुर विकास जायसवाल की निगरानी में एक टीम गठित की।करीब 500 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद नीली स्कूटी तक पहुंचने के लिए पुलिस ने शहर की सभी नीली स्कूटियों का ब्यौरा निकलवाया।पता चला कि शहर में 1060 नीले रंग की डेस्टिनी स्कूटी रजिस्टर्ड हैं। जिसके बाद सभी स्कूटियों की स्क्रीनिंग की गई और इनके मालिकों का नाम और पता निकलवाया गया।आखिरकार पुलिस उस स्कूटी तक पहुंचने में कामयाब हो गई, जिस पर बैठकर हत्या का आरोपी ड्राइवर अपने दोस्त रंजीत संग फरार हुआ था। आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने स्कूटी की नंबर प्लेट ही मोड़ दी थी, जिसके बाद इस तक पहुंचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया।फुटेज में स्कूटी पर पीछे बैठे शख्स की पहचान रंजीत के रूप में हुई, उसने कुछ देर के लिए अपना हेलमेट उतारा था, जिसके बाद उसकी पहचान आसान हो गई और वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और इस हत्याकांड की एक-एक परत खुल गई। स्कूटी पर पीछे बैठे  रंजीत ने पीठ पर एक बैग लटकाया हुआ था।

रिटायर्ड आईएएस का भरोसेमंद ड्राइवर ही निकला हत्यारा

रिटायर्ड IAS देवेंद्र नाथ की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या बहुत ही निर्मम तरीके से की गई। उनके ही भरोसेमंद ड्राइवर ने दोस्त रंजीत संग मिलकर पहले मोहिनी की जान ली, फिर जिंदा रहने की कोई गुंजाइश तो नहीं यह चेक करने के लिए उनके मुंह पर एक मग पानी उड़ेल दिया। जिंदा बचने की किसी भी संभावना को खत्म करने के लिए हत्यारों ने मोहिनी का मुंह और नाक भी कुछ देर बंद करके रखी। हैवानियत की हद तो तब पार हो गई जब आरोपियों ने मोहिनी के सिर को पेचकस से गोद डाला। इस दौरान जब उनको तसल्ली हो गई कि मोहिनी अब जिंदा नहीं हैं, तब उन्होंने सारे जेवर बैग में भरे और वहां से फरार हो गए। हैरानी की बात यह है कि मोहिनी आसानी से दरवाजा नहीं खोलती थीं। परचितों को देखकर ही उन्होंने ताला खोल दिया था, जो कि उनके लिए जानलेवा साबित हुआ।

क्राइम सीरियल देखकर दिया घटना को अंजाम

रिटायर्ड आईएएस की पत्नी की हत्या के आरोपी क्राइम सीरियल्स के दीवाने थे। उन्होंने क्राइम सीरियल देखकर ही मोहिनी की हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। ड्राइवर अखिलेश और उसके दोस्त रंजीत ने अपने फिंगर प्रिंट मिटाने के लिए दरवाजों और अलमारी की कुंडी तक से निशान गीले कपड़े से पोंछ दिए, ताकि कोई उन तक पहुंचे ही न सके। उनके जूते के निशान किसी को न मिलें, इसके लिए उन्होंने फर्श पर पोंछा तक लगा दिया। यहां तक कि अलमारी के भीतर रखे ज्वैलरी बॉक्स को भी गीले कपड़े से पोंछ दिया। लेकिन पुलिस तो पुलिस है, उसके हाथ आरोपियों तक पहुंच ही गए।

मालिक से क्यों खफा था 13 साल पुराना ड्राइवर ?

पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर के मुताबिक, ड्राइवर अखिलेश कैंट राजीवनगर घोसियाना का रहने वाला है। वह टीबी की बीमारी से जूझ रहा है। उसके सिर पर करीब 3 लाख रुपए का कर्ज भी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ड्राइवर अपने रिटायर्ड आईएएस मालिक से खफा चल रहा था। दरअसल उसकी शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी। मालिक ने शादी में बढ़िया मदद करने का भरोसा दिया था, लेकिन उसे सिर्फ 21 हजार रुपए ही दिए, बस यही बात अखिलेश को चुभ गई और उसने मालकिन मोहिनी दुबे के कत्ल और घर में लूट की साजिश रच डाली। 

ऐसे पकड़े गए मोहिनी की हत्या के आरोपी

  • सीसीटीवी फुटेज में नीले रंग की एक स्कूटी कैद हुई, जिस पर सवार होकर ड्राइवर अखिलेश अपने दोस्त रंजीत के साथ लूट और हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ.
  • उस नीले रंग की स्कूटी तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था. आरोपियों तक पहुंचने के लिए जॉइंट कमिश्नर क्राइम आकाश कुलिहर ने एसीपी गाजीपुर विकास जायसवाल की निगरानी में एक टीम गठित की.
  • करीब 500 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद नीली स्कूटी तक पहुंचने के लिए पुलिस नेशहर की सभी नीली स्कूटियों का ब्यौरा निकलवाया.
  • पता चला कि शहर में 1060 नीले रंग की डेस्टिनी स्कूटी रजिस्टर्ड हैं. जिसके बाद सभी स्कूटियों की स्क्रीनिंग की गई और इनके मालिकों का नाम और पता निकलवाया गया.
  • आखिरकार पुलिस उस स्कूटी तक पहुंचने में कामयाब हो गई, जिस पर बैठकर हत्या का आरोपी ड्राइवर अपने दोस्त रंजीत संग फरार हुआ.
  • आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने स्कूटी की नंबर प्लेट ही मोड़ दी थी, जिसके बाद इस तक पहुंचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया.
  • फुटेज में स्कूटी पर पीछे बैठे शख्स की पहचान रंजीत के रूप में हुई, उसने कुछ देर के लिए अपना हेलमेट उतारा था, जिसके बाद उसकी पहचान आसान हो गई और वहपुलिस के हत्थे चढ़ गया.
  • कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और इस हत्याकांड की एक-एक परत खुलती गई. स्कूटी पर पीछे बैठे रंजीत ने पीठ पर एक बैग लटकाया हुआ था. 
  • क्या है IAS अफसर की पत्नी की हत्या का मामला?
  • लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ की दूसरी पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या शनिवार सुबह कर दी गई थी। घर से 1 करोड़ रुपए के जेवर भी गायब थे।
  • वारदात के समय मोहिनी के पति देवेंद्र नाथ ड्राइवर अखिलेश के भाई रवि के साथ गोल्फ खेलने क्लब गए हुए थे। इसी दौरान उनके ही भरोसेमंद ड्राइवर अखिलेश ने अपने दोस्त रंजीत के साथ मिलकर मालकिन को मौत के घाट उतार दिया।
  • कत्ल और लूट को अंजाम देने के बाद आरोपी नीली रंग की स्कूटी से फरार हो गए। आईएएस अफसर जब घर लौटे तो पत्नी का शव पड़ा देखकर सन्न रह गए। इसके बाद रवि ने ही डायल 112 पर कॉल करने की कोशिश की।
  • वहीं इस बीच अखिलेश भी वापस घर पहुंच गया और आंसू भरी आंखों के साथ पुलिस चौकी जाकर खुद ही मालकिन की हत्या की जानकारी पुलिस को दी। लेकिन सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही।