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Diwali 2024: मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने किया अनोखा दिवाली आयोजन, प्रेम और शांति का किया आह्वान

वाराणसी के लमही में मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने दिवाली के अवसर पर एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी। इस आयोजन में रंगोली सजाई गई और भगवान की प्रतिमा को पुष्पों से सजाया गया। फाउंडेशन की अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने इस परंपरा का उद्देश्य सांप्रदायिक एकता और शांति का संदेश फैलाना बताया।

Diwali 2024: मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने किया अनोखा दिवाली आयोजन, प्रेम और शांति का किया आह्वान

वाराणसी के लमही में दिवाली के अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी। इस भव्य आयोजन में महिलाओं ने अपने हाथों से रंगोली सजाई और श्रीराम की प्रतिमा को पुष्पों से adorn किया। इसके साथ ही, उन्होंने उर्दू में लिखी राम आरती का गायन करते हुए श्रद्धापूर्वक भगवान की आरती उतारी।

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कट्टरपंथियों और जिहादियों को सद्बुद्धि मिलने की कामना

यह परंपरा 2006 से चली आ रही है और इसका उद्देश्य सांप्रदायिक एकता और सौहार्द को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा, "कट्टरपंथियों और जिहादियों को सद्बुद्धि मिले ताकि दुनिया में फैली हिंसा और वैमनस्य की जगह प्रेम और शांति का मार्ग प्रशस्त हो।"

भगवान श्रीराम की भक्ति का प्रचार करने की सलाह

नाजनीन ने बताया कि उन्होंने फिलिस्तीन, इजराइल, लेबनान, सीरिया, यूक्रेन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखकर भगवान श्रीराम की भक्ति का प्रचार करने की सलाह दी। उनका मानना है कि इससे युद्ध समाप्त होंगे और शांति का संचार होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि शांति की स्थापना के लिए भगवान श्रीराम का आदर्श और रामराज्य की परिकल्पना आवश्यक है। "रामराज्य भेदभाव को समाप्त कर सबको एक साथ लाने का कार्य करेगा," उन्होंने जोर देते हुए कहा।

भारतीय मुसलमानों से राम चरित्र की शिक्षा का आग्रह

नाजनीन अंसारी ने भारतीय मुसलमानों से आग्रह किया कि वे अपने घरों में राम के चरित्र की शिक्षा दें, ताकि वे सभी के बीच प्रिय बन सकें। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मजहब अलग हो सकता है, लेकिन भारतीय मुसलमानों की जड़ें एक ही संस्कृति में हैं। भगवान राम का मार्ग अपनाकर ही दुनिया में प्रेम और मानवता का विकास संभव है।