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सातवें चरण के लिए पार्टियों ने कसी कमर, पीएम समेत बड़े चेहरे कर रहे धुंआधार प्रचार

सभी पार्टियों ने सातवें दौर के लिए कमर कस ली है. धुंआधार चुनावी प्रचार चल रहा है, चाहे पीएम मोदी हो या विपक्ष के नेता हो.

सातवें चरण के लिए पार्टियों ने कसी कमर, पीएम समेत बड़े चेहरे कर रहे धुंआधार प्रचार

सभी पार्टियों ने सातवें दौर के लिए कमर कस ली है. धुंआधार चुनावी प्रचार चल रहा है, चाहे पीएम मोदी हो या विपक्ष के नेता हो. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का वाराणसी सबकी निगाहें इसके ऊपर हैं. प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार यहां से प्रत्याशी के रूप में उतर रहे हैं. वाराणसी में पीएम मोदी बीजेपी की तरफ से मैदान में है विपक्ष भी इस सीट के लिए पूरी ताकत लगा रहा है.

मोदी के गढ़ से हुंकार, दीदी और भाभी तैयार!

सातवें और अंतिम चरण के लिए सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत लगाने की तैयारी में हैं. पूर्वांचल की अंतिम 13 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और इंडी गठबंधन पूरा जोर आजमाइश करेगा. लोकसभा चुनाव के सातवें अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होना है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी अब बड़े सियासी दंगल का केंद्र बन गया. देश के पक्ष विपक्ष के बड़े नेताओं का यहां जुटना शुरू होगा. विरोधी दल जनसभा के साथ रोड शो की तैयारी में हैं.  इसकी शुरुआत 25 से हो गई है.
                 
वाराणसी लोकसभा सीट, 3 चुनावों में बीजेपी की जीत

2019 में नरेंद्र मोदी ने जीत की हासिल
2014 में अरविंद केजरीवाल हारे
2014 में भी नरेंद्र मोदी ने जीत की हासिल
2009 में मुरली मनोहर जोशी जीते

वाराणसी से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी अजय राय का सियासी माहौल बनाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और सपा सांसद डिंपल यादव एक साथ एक मंच पर नजर आई. इससे पहले यूपी के दो लड़के मंच पर नजर आए थे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव ने वाराणसी में रोड शो किया. पहली बार प्रियंका और डिंपल किसी रोड शो में साथ दिखे. रथ पर उनके साथ इंडी गठबंधन के प्रत्याशी अजय राय भी मौजूद रहे. करीब 4 किलोमीटर लंबे रोड शो में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. समर्थकों ने दोनों नेताओं पर फूल बरसाए.

वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी दो बार से सांसद हैं और तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं. पीएम मोदी ने यहां 13 मई को रोड शो और 14 मई को नामांकन किया था. प्रियंका और डिंपल ने इस रोड शो से विपक्ष पीएम मोदी के रोड शो और मातृ शक्ति कार्यक्रम को जवाब देने की कोशिश की. साथ ही दलित और ओबीसी वोटरों को भी साधने का प्रयास किया. वाराणसी से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी अजय राय हैं. यहां 1 जून को मतदान होना है.

सपा-बसपा का खाता नहीं खुल पाया
बनारस शहर संस्‍कृतियों के संगम के लिए जाना जाता है. देशभर की संस्‍कृतियां काशी में रच-बसी हैं. अलग सोच और अलग अंदाज में जीने वाले बनारसियों ने सबसे ज्यादा लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस और BJP का साथ दिया है. यहां से सात-सात बार BJP और कांग्रेस उम्‍मीदवारों ने जीत दर्ज की है. बनारस यूपी की उन लोकसभा सीटों में एक है, जहां सपा या बसपा ने कभी जीत हासिल नहीं की. माफिया मुख्‍तार अंसारी ने बसपा के सिंबल पर 2009 में और अतीक अहमद ने 2019 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर किस्‍मत आजमाई थी, लेकिन जनता ने दोनों को नकार दिया था.

भगवा राजनीति का गढ़ बन चुकी काशी की वाराणसी लोकसभा सीट का चुनावी परिदृश्य हमेशा आज जैसा नहीं रहा. यह सच है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार दो बार बड़े अंतराल से जीत हासिल की है. उनके लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है मगर यह क्षेत्र विपक्ष की ताकत से एकदम शून्य नहीं रहा उसने भी चुनौती दी है. यह दीगर है कि उस चुनौती को कभी काशी नेअपने ऊपर ले लिया तो कभी कहीं से उठी लहर पर सवार हो गई.