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पांचवे चरण का सज गया रण, यूपी की इन सीटों पर होगी वोटिंग, सीटों से लेकर मतदान की तैयारियों तक जानिए सब कुछ.

चौथे चरण का चुनाव संपन्न होने के साथ ही अब पांचवें चरण की चौसर बिछ गई है. इस चरण की सीटों पर पक्ष और विपक्ष के बीच कांटे का मुकाबला होने वाला है.

पांचवे चरण का सज गया रण, यूपी की इन सीटों पर होगी वोटिंग, सीटों से लेकर मतदान की तैयारियों तक जानिए सब कुछ.

चौथे चरण का चुनाव संपन्न होने के साथ ही अब पांचवें चरण की चौसर बिछ गई है. इस चरण की सीटों पर पक्ष और विपक्ष के बीच कांटे का मुकाबला होने वाला है. खास कर कम अंतर वाली सीटों पर कड़ी टक्कर होगी. पिछले चुनाव में पांचवें चरण की 14 सीटों में 13 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.

14 सीटों पर मतदान
पांचवें चरण में यूपी की 14 में से सात सीटों पर कांटे की टक्कर है. इन सात सीटों में से छह पर बीजेपी का कब्जा है लेकिन इन पर बहुत ही कम अंतर से भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल हुई थी. लिहाजा एक लाख से कम वोटों से जीत वाली सीटों पर बीजेपी को कड़ी मेहनत करनी होगी. वहीं एक सीट कांग्रेस के पास है, जिसे अपने पाले में करने के लिए बीजेपी को पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी. 20 मई को पांचवें चरण में प्रदेश के 14 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है. इन 14 सीटों में से 13 सीटें बीजेपी के पास हैं, जबकि एक मात्र रायबरेली सीट कांग्रेस के पास है.

7 सीटों पर नाक की लड़ाई
बता दें कि यूपी में 14 में से जिन 7 सीटों पर नाक की लड़ाई है उनमें 7 में से 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है मगर जीत का अंतर 1 लाख से कम है. जो बीजेपी के लिए चिंता की वजह है. पांचवे चरण के मतदान में यूपी में जिन 14 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, उनमें से रायबरेली को छोड़ कर बाकी 13 सीटें बीजेपी के खाते में हैं. लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर धनबली और बाहुबली उम्मीदवारों का बोलबाला है.

पिछले चुनाव में बीजेपी की जोरदार घेराबंदी के बावजूद रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया था, लेकिन इस बार वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. कम अंतर वाली सीटों मोहनलालगंज, अमेठी, फैजाबाद, बांदा और कौशांबी में बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगाए है. इस चरण की 14 लोकसभा सीटों में 71 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 41 सीटों पर बीजेपी का और 30 सीटों पर विपक्ष का कब्जा है इसलिए लड़ाई अपेक्षाकृत कठिन होने के आसार हैं.

इन सीटों पर कम अंतर से जीती थी बीजेपी
मोहनलालगंज      
अमेठी                 
फैजाबाद              
बांदा                  
कौशांबी    

मतदान प्रतिशत बढ़ाना एकमात्र विकल्प 
माना जा रहा है कि पिछले चरणों की तरह पांचवें चरण में भी मतदान प्रतिशत में गिरावट रही तो इसका बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए बीजेपी के सामने मतदान बढ़ाना ही एक विकल्प है, जिसके जरिए कम अंतर वाली सीटों पर कब्जा बरकरार रखा जा सकता है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने वोट प्रतिशत बढ़ाकर ही इन सीटों पर जीत दर्ज की थी.

पांचवे चरण से बसपा को भी आस
पांचवें चरण में बसपा को भी सुरक्षित सीटों से आस है. उसे मोहनलालगंज, हमीरपुर, बांदा, जालौन और बाराबंकी में त्रिकोणीय मुकाबला होने पर फायदा मिलने की उम्मीद है. इसी वजह से पार्टी ने इन सीटों पर प्रत्याशी चयन में अपने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले का बखूबी इस्तेमाल किया है. इसी के तहत पार्टी ने गोंडा, कैसरगंज, फैजाबाद, हमीरपुर में ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.

पीएम मोदी का दावा है कि मोदी की गारंटी के दम पर इस बार भी सत्ता में एनडीए की सरकार आएगी, हालांकि विपक्ष भी तरकश का कोई तीर नहीं छोड़ना चाहती. लड़ाई जुबानी-बदजुबानी, छींटाकशी, आरोप-प्रत्यारोप से कहीं आगे निकल चुकी है. मुद्दे हर चरण में बदल रहे हैं और अब बारी पांचवें चरण की है.