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सातवें चरण में और भीषण होगा रण, यूपी की कई सीटों पर बसपा पलट सकती है गेम! सातवें चरण में कौन किस पर भारी ?

लोकसभा चुनाव का महासमर अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है. छठे चरण के मतदान के बाद 1 जून को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होगा.

सातवें चरण में और भीषण होगा रण, यूपी की कई सीटों पर बसपा पलट सकती है गेम! सातवें चरण में कौन किस पर भारी ?

लोकसभा चुनाव का महासमर अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है. छठे चरण के मतदान के बाद 1 जून को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होगा. वहीं 4 जून को मतगणना के बाद देश में नई सरकार चुनी जाएगी. वही यूपी की भी 13 सीटों पर मतदान होगा. 

सातवें चरण की बारी 

लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरणों की ओर बढ़ रहा है. यूपी में सबसे आखिरी सातवें चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों पर वोटिंग होनी है. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट भी शामिल हैं. इस चरण में एनडीए और इंडिया अलाइंस के बीच बढ़त बनाने की जंग देखने को मिलेगी.

सातवें चरण का रण, यूपी की 13 सीटों पर वोटिंग

महराजगंज
गोरखपुर
कुशीनगर
देवरिया
बांसगांव 
घोसी
सलेमपुर
बलिया
गाजीपुर
चंदौली
वाराणसी 
मिर्जापुर
राबर्ट्सगंज (अजा) 

सातवें चरण में जिन 13 सीटों वोटिंग होनी हैं, उनमें से 11 सीटों पर पिछली बार एनडीए ने जीत दर्ज की थी. जबकि दो सीटों पर विपक्ष की जीत हुई. भाजपा जहां सभी तेरह सीटों को जीतने के इरादे से अपनी ताकत लगाए हुए है, तो वहीं विपक्षी गठबंधन में अपनी सीटें बढ़ाने के लिए जातीय गणित सेट करने में जुटा है. ऐसे में दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है.

सातवें चरण में होगी जोरदार टक्कर

2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस बार इन सीटों पर इंडिया गठबंधन की लड़ाई उतनी आसान भी नहीं है. अगर विपक्षी दलों को अपनी सीटें बढ़ानी है, तो उन्हें कम से कम 15 फीसदी वोट अपने पक्ष में बढ़ाना होगा,जो बेहद मुश्किल दिखाई दे रहा है. पिछले चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था, जो बीजेपी के सामने बेहद मजबूत था. बावजूद इसके विपक्ष को तब दो ही सीटें मिल पाई थी. इस बार तो बसपा भी साथ नहीं है और कांग्रेस का संगठन भी जमीन पर उतना मजबूत नहीं है.

दूसरी तरफ एनडीए का जातीय समीकरण बेहद मजबूत हैं. पूर्वांचल में बीजेपी के साथ राजभर, चौहान, निषाद और गैर यादव ओबीसी समाज के लोग साथ दिखाई देते हैं. ओम प्रकाश राजभर, अपना दल सोनेलाल और निषाद पार्टी एकजुट होकर एनडीए को मजबूत करने में जुटी है. पिछले चुनाव में बीजेपी को औसतन 52.11 फीसद वोट मिले और विपक्ष के खाते में 37.43 वोट ही मिल पाए थे. 

2019 लोकसभा चुनाव

इनमें यूपी की वाराणसी सीट पर बीजेपी को सर्वाधिक वोट हासिल हुआ. यहां बीजेपी के पक्ष में 63.62 और विपक्ष को सिर्फ 18.40 फीसद वोट हासिल हुए. जबकि गोरखपुर में 60.54 और सपा-बसपा को 31.45 फीसद वोट मिले. जबकि चंदौली और बलिया सीट पर वोटों में सबसे कम अंतर रहा. चंदौली में बीजेपी को 47.07 और विपक्ष को 45.79 फीसद और बलिया में बीजेपी को 47.40 और विपक्ष को 45.43 फीसद वोट मिला.

लोकसभा चुनाव के सांतवे चरण को आखरी चरण कहा जा रहा है और है भी, दरसल इस चरण में प्रत्याशियों के साथ ही कई दिग्गज नेताओं की साख भी दाव पर लगी है. आखिरी रण में वाराणसी  में भी चुनाव है, अब देखना होगा सातवें चरण में किसकी होगी जीत.