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विंध्यांचल में बसा है माता का यह सिद्ध मंदिर, मांगलिक दोष और अखंड सौभाग्य है मिलता, जानिए कैसे पहुंचें

उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां भी माता दुर्गा के कई सिद्ध दरबार हैं, जो यूपी के अलग अलग हिस्सों में स्थित हैं. इन्हीं में से एक सिद्ध दरबार है मां विंध्यवासिनी धाम.

विंध्यांचल में बसा है माता का यह सिद्ध मंदिर, मांगलिक दोष और अखंड सौभाग्य है मिलता, जानिए कैसे पहुंचें

माता के नवरात्र शुरू हो चुके हैं. भक्त माता के मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. देशभर के माता के मंदिर जयकारों से गूंज रहे हैं. वैसे तो हमारे देश में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनकी मान्यता बहुत अधिक है. उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां भी माता दुर्गा के कई सिद्ध दरबार हैं, जो यूपी के अलग अलग हिस्सों में स्थित हैं. इन्हीं में से एक सिद्ध दरबार है मां विंध्यवासिनी धाम. आगे के आर्टिकल में आपको हम बताएंगे कि इस बार नवरात्र में किस खास मुराद को लेकर जाएं मां विंध्यवासिनी के दरबार.

मिर्जापुर जिले में विंध्यवासिनी धाम स्थित है. आदि काल से शक्ति की आराधना और उपासना का यह प्रमुख केंद्र रहा है. यूपी का विंध्य क्षेत्र हमेशा से ऋषि-मनीषियों, तपस्वियों और भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है. इनमें मां विंध्यवासिनी मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं.

मां विंध्यवासिनी धाम में हजारों की संख्या में भक्त सामान्य दिनों में दर्शन करते हैं. वहीं, नवरात्रि पर्व में यह संख्या बढ़कर लाखों में पहुंच जाती है. दर्शन के लिए आने वाले भक्त माता को चुनरी, माला, फूल और प्रसाद अर्पित करते ही हैं, लेकिन खास तौर पर महिलाएं सिंदूर लाना नहीं भूलती हैं, जिसका इस्तेमाल यहां से जाने के बाद वो प्रसाद स्वरूप में उपयोग करती हैं.

मिलेगा अखंड सौभाग्य का फल
विंध्याचल धाम से सिंदूर खरीद कर ले जाने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. पौराणिक मान्यता है कि यहां के सिंदूर को मां के चरणों में चढ़ाने के बाद सुहागिनें अपनी मांग में भरती हैं. ऐसी मान्यता है कि माता के चरणों में अर्पित सिंदूर से मांग भरने से दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है और अखंड सौभाग्य का फल मिलता है.

 

मांगलिक दोष से मिलती है मुक्ति
मां विंध्यवासिनी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे एक पौराणिक मान्यता है. कहा जाता है कि मांगलिक दोष से अगर कोई पीड़ित है, तो ऐसे लोग विंध्यवासिनी धाम में आकर मंगला आरती में सम्मिलित हों. इसके बाद माता के चरणों में सिंदूर अर्पित करें तो उनके मांगलिक दोष समाप्त होता है.

अभिषेक और ऐश्वर्या का हुआ था मांगलिक दोष निवारण

मंदिर से संबंधित लोगों ने बताया कि साल 2007 में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन और बहु ऐश्वर्या राय मांगलिक दोष के निवारण के लिए मां विंध्यवासिनी के धाम में आए थे और नियमों के मुताबिक पूजा पाठ की थी.