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क्या कहता है वाराणसी का नंबर गेम ? कौन सा फैक्टर तय करेगा चुनावी नतीजा? कौन पलट सकता है खेल

वाराणसी लोकसभा सीट देश की सबसे हाई प्रोफाइल हॉट सीटों में शामिल है. बात वाराणसी लोकसभा सीट की करें तो वाराणसी का सियासी समीकरण नंबर गेम के ईर्द गिर्द घूमता है. 

क्या कहता है वाराणसी का नंबर गेम ? कौन सा फैक्टर तय करेगा चुनावी नतीजा? कौन पलट सकता है खेल

वाराणसी लोकसभा सीट देश की सबसे हाई प्रोफाइल हॉट सीटों में शामिल है. बात वाराणसी लोकसभा सीट की करें तो वाराणसी का सियासी समीकरण नंबर गेम के ईर्द गिर्द घूमता है. पीएम मोदी के नामांकन से ये भी समझना जरूरी है कि आखिर वाराणसी का नंबर गेम क्या कहता है... 

धर्म और अध्यात्म की नगरी वाराणसी

काशी में  गंगा की पवित्रता बसती है. बाबा श्री काशी विश्वनाथ जहां स्वंय विराजते हैं और काशी से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है और इसी आस्था के सहारे 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ा. मोदी लहर में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी काशी से ही  मोदी चुनावी मैदान में उतरे थे और तीसरी बार भी बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी से ही  चुनाव लड़ रहे हैं. देश में चुनावी माहौल है. वाराणसी पर  सभी की नजर टिकी hai. वाराणसी लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल हॉट सीटों में शामिल है..

एक नजर वाराणसी लोकसभा सीट के समीकरण पर

5 विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी 
वाराणसी दक्षिण शहर
वाराणसी उत्तर
वाराणसी कैंट
रोहनिया 
 सेवापुरी
1957 के बाद से BJP 7 बार जीती 
कांग्रेस के खाते में 6 बार सीट गई
2009 के बाद से लगातार BJP की जीत

बीजेपी का गढ़ वाराणसी 

अब वाराणसी लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. जहां से तीसरी बार पीएम मोदी चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी का दावा और जोश दोनों हाई है. सियासी दावों और रणनीतियों के पीछे क्षेत्र के कई समीकरण और उनके नंबर मुख्य वजह और बुनियाद होते हैं. पीएम मोदी के नामांकन से इतर समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर वाराणसी का नंबर गेम क्या कहता है. किसकी जनसंख्या ज्यादा है और कौन सा फैक्टर चुनावी नतीजा तय करने में अहम भूमिका निभाता है.
 वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल मतदाता

19 लाख 62 हजार 948 मतदाता 
10 लाख 65 हजार 485 पुरुष
8 लाख 97 हजार 328 महिलाएं
135 थर्ड जैंडर मतदाता
52 हजार 174 फर्स्ट वोटर्स 

वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल आबादी का 75 फीसदी शेयर हिंदू आबादी का है. वहीं 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. बाकी बची 5 फीसदी आबादी में अन्य धर्म के लोग आते हैं. इस सीट की 65 फीसदी आबाद शहरी क्षेत्र और 35 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. कुल आबादी का 10.01 फीसदी जनजाति और 0.7 फीसदी दलित वर्ग से हैं.

वाराणसी लोकसभा सीट
कुल आबादी का 75 फीसदी शेयर हिंदू आबादी
20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम 
5 फीसदी आबादी में अन्य धर्म 
65 फीसदी आबाद शहरी क्षेत्र 
35 फीसदी आबादी ग्रामीण 
कुल आबादी का 10.01 फीसदी जनजाति 
0.7 फीसदी दलित वर्ग 

जातीय समीकरण किसी भी चुनाव में एक बड़ा फैक्टर होता है. वाराणसी सीट की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा करीब 2 लाख वोटर्स कुर्मी समाज से हैं. इस समाज का सबसे ज्यादा असर रोहनिया और सेवापुरी इलाके में हैं. इस सीट पर 2 लाख वैश्य वोटर्स भी हैं. जो नतीजों पर सीधा असर डालते हैं. कुर्मी और वैश्य समाज के बाद ब्राह्मण और भुमिहार वोटर्स भी वाराणसी में अच्छा खासा वोट प्रतिशत रखते हैं. यादव और मुस्लिम समुदाय के वोट भी इस सीट पर चुनावी जीत के परचम को हिलान के दमखम रखते हैं. इस सीट पर यादव समाज के एक लाख वोट हैं. यादव वोटर्स से इतर इस सीट पर कुल 3 लाख वोटर ओबीसी समुदाय से संबंधित हैं. ऐसे में वाराणसी का ये नंबर गेम काफी अहमियत रखता है. जिसे साधने के लिए बीजेपी ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया है.