बुलंदशहर सीट पर किसकी किस्मत होगी बुलंद? डॉक्टर भोला सिंह पूरी कर पाएंगे हैट्रिक?
उत्तर भारत के सबसे अहम और 'हिन्दी बेल्ट की जान' कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक है बुलंदशहर पश्चिम उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसी नाम से लोकसभा सीट भी है इस शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाला कारोबार दिया है।राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर नेता दिए हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों को छोटी काशी के रूप में अनूपशहर भी दिया है। इस लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहा जाता है। इसमें सपा-बसपा या फिर कांग्रेस सेंध लगाने की फिराक में हैं। मौजूदा समय में यहां से भोला सिंह सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में भी भोला सिंह को आम जनता ने सांसद चुना था।
उत्तर भारत के सबसे अहम और 'हिन्दी बेल्ट की जान' कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक है बुलंदशहर पश्चिम उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसी नाम से लोकसभा सीट भी है इस शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाला कारोबार दिया है।राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर नेता दिए हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों को छोटी काशी के रूप में अनूपशहर भी दिया है। इस लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहा जाता है। इसमें सपा-बसपा या फिर कांग्रेस सेंध लगाने की फिराक में हैं। मौजूदा समय में यहां से भोला सिंह सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में भी भोला सिंह को आम जनता ने सांसद चुना था।
बुलंदशहर सीट का इतिहास
बुलंदशहर संसदीय सीट, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर भी पिछली दो बार से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है। बीजेपी ने यहां से भोला सिंह को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन से शिवराम वाल्मीकि और बसपा ने नगीना से सांसद रहे गिरीश चंद्र पर दांव लगाया है। 2009 को छोड़कर 1991 से यहाँ लगातार बीजेपी की जीत होती रही है।
बुलंदशहर लोकसभा सीट की जंग
बुलंदशहर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने भोला सिंह को मैदान में उतारा है।पिछले 2 बार से भोला सिंह यहां से सांसद रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के कांग्रेस से शिवराम वाल्मीकि पर अपना दांव लगाया है। बसपा ने गिरीश चंद्र को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है।
जिले का बड़ा हिस्सा बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में आता है। जबकि कुछ हिस्सा गौतमबुद्धनगर यानी नोएडा लोकसभा क्षेत्र में लगता है। इससे आप समझ सकते हैं कि ये जिला लगभग दिल्ली-NCR की हद में ही आता है। बुलंदशहर जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं। बुलंदशहर में दूसरे चरण में 26अप्रैल को मतदान होंगे।
बुलंदशहर सीट का जातीय समीकरण
जाति |
संख्या |
मुस्लिम |
3 लाख 35 हजार |
लोधी |
3 लाख 10 हजार |
दलित |
2 लाख 55 हजार |
लोध राजपूतों के हाथ में जीत की चाबी
इस जिले के जातीय समीकरणों की बात की जाए तो यहां पर करीब 65फीसदी हिंदू और 35 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। हिंदुओं में सबसे बड़ा समुदाय लोध राजपूतों की मानी जाती है। उनके अलावा राजपूत, जाट, दलित भी बड़ी संख्या में हैं। गुर्जर, यादव, कायस्थों की भी वहां पर आबादी है। लोध राजपूतों पर पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे कल्याण सिंह का बड़ा प्रभाव माना जाता था। उनके निधन के बाद अब उनके बेटे राजवीर सिंह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण की आठ सीटें अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा के लिए घमासान तेज हो गया है। इस चरण में अमरोहा को छोड़कर बाकी सभी सीटें बीजेपी ने जीती थी। इस बार फिर इन सीटों पर एनडीए और इंडिया के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों की ओर से कई दिग्गज मैदान में हैं।