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Bhiwani news: पंचायत का अजब-गजब फरमान, कच्छा ,कैपरी पहनकर घूमने पर रोक

गुजरानी की ग्राम पंचायत ने अजोबो गरीब तरीके का गांव में फैसला लिया है. ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा या कैफरी पहन कर घर से बाहर सरेआम घूमने पर रोक लगा दी है.

Bhiwani news: पंचायत का अजब-गजब फरमान, कच्छा ,कैपरी पहनकर घूमने पर रोक

गुजरानी की ग्राम पंचायत ने अजोबो गरीब तरीके का गांव में फैसला लिया है. ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा या कैफरी पहन कर घर से बाहर सरेआम घूमने पर रोक लगा दी है. अगर कोई युवा कच्छा या कैफरी पहन कर घूमता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

कच्छा ,कैपरी पहनकर घूमने पर रोक

भिवानी के गुजरानी गांव से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया. जहां कि सरपंच ने एक अजब-गजब फरमान जारी किया. यहां की सरपंच ने गांव में माहौल बिगाड़ने से बचाने के लिए कच्छे, निक्कर पहनकर गलियों में घूमने के लिए रोक लगा दी है. कच्छा या निक्कर पहनकर बहन बेटियों को शर्मिंदा होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगर कच्चा या निक्कर पहनकर घूमते हुए पाए गए तो पहले घर पर शिकायत की जाएगी और कार्रवाई होगी.

इस अजीबो-गरीब फरमान की पूरे गांव में मुनादी करा कर लोगों को जानकारी दी गई. मुनादी में कहा गया कि कोई भी युवक जो कच्छे या कैफरी में घूमेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद गुजरानी गांव में 60 प्रतिशत युवाओं ने कच्छा या कैफरी पहनकर घूमना बंद कर दिया है.

नहीं पहन सकेंगे कच्छा, कैपरी  
आपको बता दें कि भिवानी की जिस ग्राम पंचायत ने ये फरमान जारी किया है, उसकी सरपंच एक महिला है. महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा कामकाज वहां देखते हैं. सुरेश कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अक्सर देखने में आता था कि गांव के युवा कच्छा या कैपरी पहनकर गांव में सरेआम घूमते रहते थे. जिससे गांव की बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता था. उन्होंने कहा कि आदेश जारी होने के बाद अगर गांव में कोई पंचायत के आदेश को नहीं मानता है तो पहले उसके घर जाकर परिजनों से बात कर उन्हें चेतावनी दी जाएगी. इसके बावजूद भी अगर कोई शख्स आदेश को मानने को तैयार नहीं होता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी.

वहीं गुजरानी गांव की पंचायत के इस आदेश की पूरे गांव ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि कच्छा या कैपरी पहनकर घूमना हमारी सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ है. आपको यहां बता दें कि गुजरानी गांव की आबादी करीब 7 हजार है और इस गांव में करीब 1250 घर हैं. इस गांव के पंचायत का फरमान चर्चा का विषय बन गया है. पंचायत द्वारा घर से बाहर कच्छा-कैपरी पहनने पर रोक लगा दी है. इस अलग प्रकार के हटकर निर्णय को लोग सराह रहे हैं तो युवा पीढ़ी इसे पुराने विचारों की बात कर रही है.