'गाय को जानवर कहना सनातन का अपमान', शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकार से की ये बड़ी मांग
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मोदी सरकार से आग्रह किया है कि गायों को जानवरों की श्रेणी से बाहर किया जाए। उन्होंने कहा कि गाय को जानवर कहना हिंदू धर्म का अपमान है और सरकार को गायों के संरक्षण के लिए खास कानून लाना चाहिए।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती इन दिनों चर्चा में है। उन्होंने मोदी सरकार से गायों को जानवरों की श्रेणी से बाहर करने का आग्रह किया है। कहा कि भले सरकारी की सूची में गाय को जानवर का दर्ज मिला हो लेकिन सनातन धर्म में हम गाय को माता मानकर पूजते हैं। ऐसे में गाय को जानवर कहन हिंदू धर्म का अपमान है। बता दें, उन्होंने ये बयान ओडिश मे दिया जब वह गो प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना भारत यात्रा में शिरकत करने पहुंचे थे।
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'गाय को जानवर कहना सनातन का अपमान'
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने संबोध में कहा कि, भारत की सभ्यता और संस्कृति सदियों से गाय को पूजती है। ऐसे में उसे जानवर श्रेणी में कैसे रखा जा सकता है। ये सीधे-सीधे सनातन धर्म का अपमान है। कहा, हमें अपनी परपंरा को हमेशा आगे बढ़ाना है। गौ माता हमेशा से हमारी पूज्यनीय हैं और रहेंगी। ऐसे में सरकार को जानवरों की सूची से गाय को बाहर करना होगा। बता दें, गो प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना भारत यात्रा गायों के सरंक्षण और सेवा के लिए कानून बनाने के उद्देश्य से निकाली जा रही है।
'कानून से बदलेगा लोगों का नजरिया'
शंकराचार्य यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार गायों को जानवर से बाहर कर देती है और उनके संरक्षण के लिए खास नियम लेकर आती है तो लोग का नजरिया भी बदेलगा। गौरतलब है, शंकराचार्य कई सालों से गो संरक्षण-गो संवर्द्धन के लिए काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं वह विभिन्न राज्यों में यात्रा कर लोगों को भी जागरूक करते हैं।