Rajasthan News: सवाई माधोपुर में बाढ़ का कहर, घरों में पानी भरने से पलायन करने पर मजबूर लोग
सवाई माधोपुर जिले में भारी बारिश के बाद नदियों और बांधों का पानी उफान पर है, जिससे दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। सूरवाल बांध क्षेत्र में हालात बेहद खराब हैं, जहां ग्रामीण अपने घरों में पानी भर जाने से सुरक्षित स्थानों पर पलायन को मजबूर हैं।
सवाई माधोपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने कई गांवों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है। हालांकि अब बारिश का दौर थम गया है, लेकिन जिले की प्रमुख नदियों और बांधों में अभी भी पानी का उफान जारी है। जिले की बनास, चंबल, गलवा, मोरल, गम्भीरा और निगोह नदियां उफान पर हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। जिले के 18 बांधों के पानी से ओवरफ्लो होने के कारण निचले इलाकों में बसे दर्जनों गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
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सूरवाल बांध क्षेत्र की विकट स्थिति
सूरवाल बांध के निचले क्षेत्रों में बसे गांवों, जैसे मच्छीपुरा की ढाणी, सूरवाल, अजनौटी, दुब्बी धनौली और पुसोदा, में स्थिति बेहद खराब है। इन गांवों में चारों ओर पानी भर गया है, और ग्रामीणों के घरों में भी पानी घुस गया है। कई मकान जलमग्न हो चुके हैं, जिससे लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं। सड़कों पर पानी भर जाने से गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है, और लोग गांव से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बढ़ते जलस्तर से उनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
पानी भरने से फसलों को नुकसान
बाढ़ के कारण गांवों में खाद्य सामग्री और पशुओं का चारा भीग गया है। घरों में पानी भरने से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को मजबूर हो गए हैं। साथ ही, खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। इन विकट हालातों में जिला प्रशासन की भूमिका को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है, जो इसे मूकदर्शक की स्थिति में बता रहे हैं।
नदियों और सड़कों पर पानी का असर
बनास और निगोह नदियों के उफान पर होने के कारण मलारना मार्ग अवरुद्ध हो गया है। सवाई माधोपुर-लालसोट मार्ग पर भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोगों को सड़क पार करने में कठिनाई हो रही है। प्रशासन की ओर से आपदा प्रबंधन के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों का कहना है कि अभी भी स्थिति नियंत्रण में नहीं है।