Jaipur News: कानून मंत्री जोगाराम के बेटे मनीष पटेल ने महाधिवक्ता पद से दिया इस्तीफा, बताया ये बड़ा कारण
मनीष पटेल समेत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 6 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति हुई थी। मनीष पटेल की नियुक्ति को लेकर 5 अगस्त को विधानसभा में हंगामा हुआ था। अब मनीष पटेल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसमें उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।
कानून मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष पटेल ने अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त होने के 5 महीने बाद अपना इस्तीफा दे दिया है। विधि विभाग ने 12 मार्च 2024 को पटेल को मुख्य पीठ जोधपुर में एएजी के पद पर नियुक्ति दी थी।
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निजी कारणों का दिया हवाला
मनीष पटेल समेत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 6 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति हुई थी। मनीष पटेल की नियुक्ति को लेकर 5 अगस्त को विधानसभा में हंगामा हुआ था। अब मनीष पटेल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसमें उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।
सीएम भजनलाल को दिया था इस्तीफा
मनीष पटेल ने बताया कि उन्होंने काफी दिन पहले ही सीएम भजनलाल को अपना इस्तीफा दे दिया था। यह सूचना अब बाहर आई है। मनीष ने कहा कि वह इस पद पर सहज महसूस नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्होंने सीएम के पास जाकर पद से इस्तीफा दे दिया।
बता दें कि अतिरिक्त महाधिवक्ता की महीने की करीब 6 से 7 लाख रुपए की आमदनी होती है। उसे फिक्स वेतन के रूप में सवा लाख रुपए मिलते हैं। वही प्रति केस 5 हजार रुपए पैरवी के भी मिलते हैं। एएजी को एक दिन में अधिकतम 5 केसेज में पैरवी का भुगतान किया जा सकता है। ऐसे में पैरवी के लिए तय वेतन के अलावा प्रतिदिन 25 हजार रुपए दिए जाते हैं। हर नए केस को पेश करने पर ड्राफ्टिंग के लिए 5 हजार रुपए देय होते हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट में चैंबर, स्टाफ और स्टेशनरी का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती है।
12 मार्च को आदेश जारी हुआ था
राज्य सरकार ने 12 मार्च को आदेश जारी करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति की थी। एडवोकेट विज्ञान शाह और एडवोकेट संदीप तनेजा को जयपुर पीठ में एएजी नियुक्त किया गया था। वहीं मुख्य पीठ जोधपुर में एडवोकेट राजेश पंवार, महावीर विश्नोई और मनीष पटेल की एएजी के पद पर नियुक्ति की गई थी। इसी तरह से सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट शिवमंगल शर्मा को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट निधि जसवाल को एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड और सौरभ राजपाल, दिव्यांक पंवार, क्षितिज मित्तल और अनिशा रस्तोगी को पैनल लॉयर के रूप में नियुक्ति दी गई।
कांग्रेस ने उठाए थे नियुक्ति पर सवाल
कांग्रेस ने कानून मंत्री के बेटे को अत्यधिक महाधिवक्ता बनाए जाने पर विधानसभा में जमकर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक नियुक्ति बताते हुए काफी हंगामा भी किया था। इसके चलते लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को विधानसभा से 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने रातभर विधानसभा में धरना भी दिया।