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फर्जी अस्पताल को देख दंग रह गए चिकित्सा अधिकारी, बॉर्डर पर स्थित फर्जी अस्पताल को किया सीज!

एक दसवीं फेल फर्जी डॉक्टर द्वारा अस्पताल संचालन करने का मामला सामने आया है। इसके खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी अस्पताल को सीज कर दिया है।

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AVB- चौरासी (डूंगरपुर) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक फर्जी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई कर अस्पताल को सीज कर दिया है। वहीं, फर्जी डॉक्टर के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। फर्जी डॉक्टर जितेंद्र भगोरा दसवी फेल है।

एक दसवीं फेल फर्जी डॉक्टर द्वारा अस्पताल संचालन करने का मामला सामने आया है। इसके खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी अस्पताल को सीज कर दिया है। वहीं डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ मौके से गायब हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा उपखंड क्षेत्र में गुजरात बॉर्डर पर स्थित पूनावाडा में पिछले 3 साल से यह फर्जी अस्पताल खुला हुआ था, जहां पर फर्जी डॉक्टर खुद इलाज और प्रसव करता था।

जानकारी के अनुसार फर्जी डॉक्टर जितेंद्र भगोरा जो की 3 साल पूर्व  गुजरात के अहमदाबाद में एक अस्पताल में सफाई कर्मचारी था जहां पर वह प्रसव, ड्रिप लगाना सीख गया और खुद का आठ बेड का अस्पताल पूनावाडा में खोल दिया। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अलंकार गुप्ता, एसीएमएचओ विपिन मीणा, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत,  पीठ पीएससी प्रभारी डॉक्टर रोहित लबाना, नर्सिंग ऑफिसर मदन ननोमा ,फार्मासिस्ट युवराज और पीठ पुलिस चौकी के जाब्ते ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। कार्रवाई के दौरान अस्पताल में दो महिलाएं भर्ती मिली जिसमें एक का एक दिन पहले ही प्रसव कराया था दूसरी महिला मरीज उल्दी दस्त से पीड़ित थी।

अस्पताल में भर्ती दोनों महिलाओं को डूंगर सारण सीएचसी में भर्ती करवाया गया है। वहीं अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई की गई है। चिकित्सा विभाग की स्पेशल टीम ने ऑपरेशन थंडर के तहत गुरुवार देर शाम को कार्रवाई की गई है। बीसीएमएचओ डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत ने बताया कि फर्जी डॉक्टर जितेंद्र भगोरा जोकि गुजरात का रहने वाला है,उसके खिलाफ धंबोला थाने में मामला दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है। अस्पताल में भारी मात्रा में दवाइयां भी मिली है। जिनमें गर्भपात कराना, नींद,डिलेवरी, बीएनएस, एनएस की ड्रिप, बीपी इंस्ट्रूमेंट भी शामिल है। फर्जी अस्पताल जहां चल रहा था उस भवन को एक सरकारी शिक्षक ने किराए पर दे रखा है। फिलहाल पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद जांच  आगे बढ़ेगी। लेकिन खास बात यह है कि यह फर्जी अस्पताल पिछले तीन साल से चल रहा था लेकिन चिकित्सा विभाग की नजरें क्यों नहीं पड़ी, आखिर किसकी शह पर यह फर्जी अस्पताल शुरू था और मरीजों के स्वास्थ्य पर खिलवाड़ किया जा रहा था।

बाइट: डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत (बीसीएमएचओ)

रिपोर्ट: सादिक अली