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Rajasthan News: डूंगरपुर में कॉमरेड सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि, वामपंथी नेताओं ने किया लाल सलाम

डूंगरपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वामपंथी नेता कॉमरेड सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभा में सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता और जनसंगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। वक्ताओं ने सीताराम येचुरी के राजनीतिक योगदान और वामपंथी आंदोलन में उनके महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। 

Rajasthan News: डूंगरपुर में कॉमरेड सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि, वामपंथी नेताओं ने किया लाल सलाम

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता कॉमरेड सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए डूंगरपुर में नया महादेव मंदिर परिसर हॉल में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता कॉमरेड अमृतलाल और सुंदरलाल परमार ने की, जबकि विभिन्न वामपंथी नेताओं और जनसंगठनों के प्रमुख लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

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सीताराम येचुरी के निधन पर जताया शोक

सभा को संबोधित करते हुए, कॉमरेड विमल भगोरा ने सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि सीताराम येचुरी का निधन अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में फेफड़ों के संक्रमण के कारण हुआ। उनकी आयु 72 वर्ष थी। येचुरी वामपंथी आंदोलन के प्रमुख नेता और प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक थे।

सीताराम येचुरी के जीवन पर हुई चर्चा

उनका छात्र जीवन जेएनयू में शुरू हुआ, जहां उन्होंने तीन बार छात्र संघ का नेतृत्व किया। वह 1975 में सीपीआई (एम) से जुड़े और आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था। सभा में सीताराम येचुरी के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की और उनके योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि सीताराम येचुरी ने भारतीय राजनीति में वामपंथी धारा को मजबूती दी और धर्मनिरपेक्षता और साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई।

सांसद मन्नालाल रावत की टिप्पणी की निंदा की

इस सभा में एक प्रस्ताव भी लिया गया जिसमें उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत की धार्मिक टिपण्णी की कड़ी निंदा की गई। नेताओं ने इस बयान को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया और उचित कार्रवाई की मांग की। सभा के अंत में, पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सीताराम येचुरी की याद में लाल सलाम किया और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

वामपंथी आंदोलन की क्षति

बता दें कि सीताराम येचुरी ने अपना बहुत सारा समय और ऊर्जा धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों की एक व्यापक एकता बनाने में समर्पित की, जिसने इंडिया ब्लॉक का आकार लिया। इंडिया ब्लॉक के मुख्य नेता कॉमरेड सीताराम येचुरी अब हमारे बीच मे नहीं हैं और इनके निधन से वामपंथी आंदोलन की क्षति हुई है।