राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव का बजा बिगुल, किस सीट पर कितने वोटर, कहां कौन दिग्गज चुनावी मैदान में, सब जानें एक क्लिक
राजस्थान के सात विधानसभा क्षेत्रों में आगामी उपचुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 13 नवंबर को झुंझुनूं, रामगढ़, दौसा, देवली उनियारा, चोरासी, सलूंबर और खींवसर में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आचार संहिता के पालन पर जोर दिया है।
राजस्थान के सात विधानसभा क्षेत्रों में आगामी उपचुनाव के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। 13 नवंबर को झुंझुनूं, रामगढ़, दौसा, देवली उनियारा, चोरासी, सलूंबर और खींवसर में मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे।
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने मंगलवार, 15 अक्तूबर को प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की और उन्हें चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चुनावी तैयारियों की जानकारी भी साझा की। विशेष रूप से, चोरासी और सलूंबर सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
मतदाता के आंकडों का विवरण
इन उपचुनावों में कुल 19,36,533 मतदाता अपने वोट डालेंगे, जिनमें 10,04,000 पुरुष, 9,32,000 महिलाएं और 7 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इसके साथ ही, 22,834 दिव्यांग मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 85 वर्ष से अधिक आयु के 19,674 मतदाताओं को घर से वोट डालने का विकल्प दिया गया है, जबकि 100 वर्ष से अधिक आयु के 702 मतदाता भी इस चुनाव में भाग लेंगे। सर्विस वोटर्स की संख्या 5,486 है।
सबसे ज्यादा और सबसे कम मतदाता
देवली उनियारा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 3,02,721 मतदाता हैं, जबकि दौसा में सबसे कम 2,46,000 मतदाता हैं। महिला और पुरुष मतदाताओं की सबसे ज्यादा और सबसे कम संख्या भी इन्हीं दोनों क्षेत्रों में पाई जाती है। अन्य विधानसभा क्षेत्रों में झुंझुनूं में 2,75,532, रामगढ़ में 2,74,180, खींवसर में 2,86,041, सलूंबर में 2,97,645 और चोरासी में 2,55,401 मतदाता हैं।
100 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता
झुंझुनूं में 100 वर्ष से अधिक आयु के सबसे ज्यादा 146 मतदाता हैं, इसके बाद चोरासी में 144, सलूंबर में 132, रामगढ़ में 125, दौसा में 52, देवली उनियारा में 56 और खींवसर में 47 मतदाता हैं।
ये हैं संवेदनशील क्षेत्र
चुनाव आयोग ने खर्च के लिहाज से रामगढ़, दौसा और खींवसर को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है। पेड न्यूज पर विशेष नजर रखने के लिए खींवसर और झुंझुनूं को चिह्नित किया गया था।