बहराइच में फैला भेड़ियों का आतंक, ग्रामीण दे रहे पहरा, वन विभाग ने पकड़े चार और दो भेड़िये फरार
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में इन दिनों भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है। वन विभाग की टीम ने चार भेड़ियों को पकड़ लिया है, लेकिन दो भेड़िए अभी भी फरार हैं। ग्रामीण इलाकों में डर का माहौल है, और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। वन विभाग ड्रोन की मदद से भेड़ियों की तलाश में जुटा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में इन दिनों भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भेड़ियों का यह आतंक एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पिछले कुछ हफ्तों से भेड़ियों के हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
वन विभाग की टीम ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए भेड़ियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। कड़ी मेहनत और लगातार प्रयासों के बाद, वन विभाग की टीम ने अब तक चार भेड़ियों को सफलतापूर्वक पकड़ लिया है। हालांकि, अभी भी दो भेड़ियों की तलाश जारी है, जो अलग-अलग इलाकों में घूम रहे हैं और ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं।
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29 अगस्त को एक भेड़िया महसी तहसील के रायपुर इलाके में गांव के करीब देखा गया था, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने उस इलाके में अपनी खोजबीन तेज कर दी है। लोगों को इस बारे में सतर्क कर दिया गया है कि वे रात के समय घर के बाहर न निकलें और बच्चों को भी अकेला न छोड़ें।
महसी तहसील क्षेत्र में भेड़ियों के आतंक से बचने के लिए स्थानीय लोग सतर्क हो गए हैं और रात-रात भर पहरा दे रहे हैं। ग्रामीणों की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं।
ग्रामीणों की सतर्कता और पहरा
स्थानीय लोगों ने रात को पहरा देने की व्यवस्था की है, ताकि भेड़ियों से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। एक ग्रामीण ने बताया कि जब तक भेड़ियों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक उन्हें पहरा देना जरूरी है। वे नियमित रूप से गाँव का दौरा करते हैं और जो भी बाहर सोता हुआ मिलता है, उसे अंदर सोने की सलाह देते हैं।
ग्रामीणों ने लाठी-डंडा लेकर भेड़ियों के प्रति जागरूकता फैलाने का जिम्मा भी उठाया है। वे लोगों को सचेत कर रहे हैं और गांव की सुरक्षा के लिए रात भर जागते हैं।
स्थानीय विधायक का बयान
स्थानीय बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि "अभी एक-दो दिन और अलर्ट रहने की जरूरत है। तीन दिन पहले एक हादसा हुआ था, लेकिन उसके बाद कोई घटना नहीं हुई। रात के समय सभी लोग जागेंगे और बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देंगे। हमें उम्मीद है कि एक-दो दिन में भेड़िये पकड़ लिए जाएंगे।"
डीएफओ अकाशदीप बाधवान ने कहा कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए जाल लगाए जा रहे हैं और ड्रोन के माध्यम से इलाके की निगरानी की जा रही है। ड्रोन की मदद से गांवों में छिपे भेड़ियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। जब तक ये दोनों भेड़िए पकड़े नहीं जाते, लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों को अकेला न छोड़ने की सलाह दी है।
ग्रामीणों के लिए चेतावनी
डीएफओ ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 50 गांव हैं, जो भेड़ियों के आतंक के संभावित खतरे की चपेट में हैं। इसलिए, लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और रात के समय खासकर बच्चों को अकेला बाहर न जाने दें।