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हरियाणा की हार से कांग्रेस का बंटाधार ! शिवसेना-आप ने दागे सवाल, अखिलेश ने कर डाला ये बड़ा काम

हरियाणा में करारी हार के बाद कांग्रेस को अपने सहयोगी दलों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। 

हरियाणा की हार से कांग्रेस का बंटाधार ! शिवसेना-आप ने दागे सवाल, अखिलेश ने कर डाला ये बड़ा काम

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। यूं कहे बीजेपी ने उसके जबड़े से जीत छीन ली। शिकस्त का गम अभी कांग्रेस भूल भी नहीं पाई थी कि अब उसके साथ दल विरोध में उतर आए है। दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार पर लगातार इंडिया ब्लॉक के साथियों का रिएक्शन सामने आ रहे हैं। सबसे पहला झटका उसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दिया है, जहां अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आगामी चुनावों में वह अकेले चुनाव लड़ेगी,जबकि दूसरी झटका यूपी से है।  उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव होने है। उम्मीद थी कि कांग्रेस-सपा एक साथ मैदान में उतरेंगी लेकिन सपा ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है।

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हार के बाद गठबंधन के दल हुए पराए

बता दें, हरियाणा विजय का सपना देख रही कांग्रेस अब बैकफुट पर नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस,सपा, शिवसेना, और आम आदमी पार्टी विरोध में आ गए है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने तो ये तक कह डाला कि कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई है। उन्होंन कांग्रेस की रणनीति पर भी सवाल उठाया।

दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन अब आप दिल्ली में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। 

अखिलेश यादव ने किया किनारा

वहीं, चुनावी नतीजों के बाद यूपी में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 10 सीटों पर होन वाले उपचुनावों में अखिलेश यादव ने 6 पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। खात बात ये है कि इन सीटों पर दो सीटें ऐसी है जहां से कांग्रेस चुनाव लड़ना चाह रही थी,लेकिन सपा ने उम्मीदवार उतारते हुए ऐलान कर दिया कि वह कांग्रेस की बात नहीं मानेंगी। 

कांग्रेस की हार पर शिवसेना की प्रतिक्रिया

इससे इतर हरियाणा हार की गूंज महाराष्ट्र तक सुनाई है। शिवसेना का कहना है कांग्रेस को हार का सामना उसके अंहकार और आत्मविश्वास के कारण करना पड़ा। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही हुआ था। जहां चुनाव में आंतरिक मुद्दे हावी रहे और कांग्रेस को शिकस्त करनी पड़ी। बता दें, हरियाणा गंवाने के बाद ज्यादातर सहयोगी दल कांग्रेस से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।