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Rajasthan News: भजनलाल सरकार की नई योजना, नए जिलों की समीक्षा के बाद बड़े फेरबदल की तैयारी

भजनलाल शर्मा की सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा के बाद कुछ जिलों को मर्ज करने का प्रस्ताव रखा है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार का मानना है कि कई जिलों का गठन बिना किसी आवश्यकता के सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था।

Rajasthan News: भजनलाल सरकार की नई योजना, नए जिलों की समीक्षा के बाद बड़े फेरबदल की तैयारी

प्रदेश में भजनलाल शर्मा की सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान बनाए गए 17 नए जिलों पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है। सरकार ने इन जिलों की समीक्षा के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया था, जिसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर कुछ जिलों का दर्जा खत्म करने का प्रस्ताव है।

राजनीतिक लाभ के लिए हुआ जिलों का गठन

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किन जिलों को मर्ज किया जाएगा, लेकिन सरकार का मानना है कि कांग्रेस ने कुछ जिलों का गठन केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया था, जो वर्तमान मापदंडों के अनुरूप नहीं थे।

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भजनलाल शर्मा ने दिया ये तर्क

कमेटी की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अंतिम निर्णय लेंगे। सरकार का तर्क है कि कई नए जिलों में पर्याप्त आबादी और भौगोलिक क्षेत्र न होने के कारण अलग जिला बनने की आवश्यकता नहीं थी। यह भी आरोप है कि कांग्रेस ने बिना आवश्यकता के और जनता की जरूरतों को ध्यान में रखे बिना इन जिलों का गठन किया था।

नवगठित जिलों में प्रशासनिक ढांचे की कमी

प्रदेश के नवगठित 17 जिलों में से कुछ जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों की भी तैनाती नहीं की गई है। इनमें से 7 जिलों में राज्य सरकार ने अलग से एसपी नियुक्त नहीं किए हैं, और उनके स्थान पर निकटवर्ती जिलों के एसपी को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। गृह विभाग का मानना है कि छोटे जिलों में अलग एसपी तैनात करना संसाधनों का दुरुपयोग है।

उदाहरण के तौर पर, दूदू जिले में न तो एसपी और न ही कलेक्टर की नियुक्ति की गई है। दूदू को पिछले साल अगस्त में जिला घोषित किया गया था, लेकिन वहां के प्रशासनिक कार्य जयपुर के अफसरों द्वारा ही देखे जा रहे हैं। तीन पुलिस थानों वाले इस जिले की जिम्मेदारी जयपुर ग्रामीण के एसपी आनंद शर्मा के पास है।

मर्जिंग की संभावनाओं से स्थानीय आंदोलन

नए जिलों की समीक्षा के बाद कुछ जिलों को मर्ज करने की खबर से दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, और शाहपुरा जैसे जिलों में स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।