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उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने की बड़ी घोषणा, महाराणा प्रताप सर्किट को मिलेगा 100 करोड़ का बजट

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी ने महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की है। इस सर्किट में ऐतिहासिक स्थलों का विकास, सुरक्षा, साफ-सफाई और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने की बड़ी घोषणा, महाराणा प्रताप सर्किट को मिलेगा 100 करोड़ का बजट

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी ने शुक्रवार को महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व बहुत विराट और विश्व वंदनीय है। टूरिस्ट सर्किट में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, और स्थानीय लोगों के सुझावों का समावेश करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे धरोहरों को मूल स्वरूप में संरक्षित रखते हुए पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जा सके।

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ऐतिहासिक धरोहर पर की जाए सही व्यवस्था

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप से जुड़े सभी प्रमुख स्थलों को इस सर्किट में शामिल किया जाएगा और उन स्थलों पर ऐतिहासिक धरोहरों को यथावत रखते हुए साफ-सफाई, सुरक्षा, लाइटिंग, ऑडियो गाइड, साउंड, पेयजल, बैठक की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि टूरिस्ट सर्किट परियोजना के प्रचार-प्रसार के लिए भी विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने दिया सुझाव

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास बने म्यूजियम की तर्ज पर एक वर्ल्ड क्लास म्यूजियम बनाने का सुझाव भी दिया, ताकि पर्यटकों, शोधार्थियों, और विद्यार्थियों को मेवाड़ और महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास से रूबरू होने का अवसर मिल सके। उन्होंने एयरपोर्ट पर भी टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर विकसित करने पर जोर दिया, ताकि पर्यटकों को प्रमुख स्थलों की जानकारी मिल सके।

पिछली सरकार ने खर्च किया था बड़ा बजट

उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछली सरकार ने कई स्थानों पर बड़ा बजट खर्च किया था, परंतु कार्ययोजना के अभाव में कोई सुधार नहीं दिखा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करें, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इन स्थलों की ओर आकर्षित हो सकें।

इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी और राज्य धरोहर प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए और धरोहरों के संरक्षण की दिशा में अपने विचार रखे।