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दीपावली के बीच 1 नवंबर को वर्किंग डे पर बवाल, कर्मचारियों ने सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग

राजस्थान में कर्मचारी संगठनों ने 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश की मांग की है, ताकि वे दीपावली के बाद अपने परिवारों के साथ समय बिता सकें। संगठनों ने 24 अक्टूबर को इस मांग को लेकर मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारियों का कहना है कि अन्य त्योहारी दिनों के अवकाश के बावजूद, 1 नवंबर को छुट्टी ना होने से यात्रा और परिवार के साथ समय बिताने में कठिनाई होगी।

दीपावली के बीच 1 नवंबर को वर्किंग डे पर बवाल, कर्मचारियों ने सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग

राजस्थान के कर्मचारियों ने राज्य सरकार से 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। इस संबंध में कई कर्मचारी संगठनों ने 24 अक्टूबर को मुख्य सचिव सुधांश पंत को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों का कहना है कि 31 अक्टूबर को दीपावली के बाद 1 नवंबर को वर्किंग डे होने से उनके लिए त्योहार के दौरान अपने परिवारों के साथ समय बिताना मुश्किल हो जाएगा, खासकर उन लोगों के लिए जिनके परिजन दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं।

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2 व 3 नवंबर को होगी सार्वजनिक छुट्टी 

कर्मचारियों ने तर्क दिया है कि 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 नवंबर को भाई दूज के लिए पहले ही सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जा चुका है, इसलिए 1 नवंबर को भी छुट्टी दी जानी चाहिए ताकि लोग बिना किसी कठिनाई के अपने परिजनों के साथ त्योहारी समय बिता सकें।

कर्मचारियों की अवकाश की मांग बढ़ी

विधानसभा सचिवालय ने पहले ही 1 नवंबर की छुट्टी की घोषणा कर दी है, लेकिन राज्य के बाकी विभागों में यह दिन अब भी वर्किंग डे रहेगा। ऐसे में, विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी पत्र लिखकर 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया है। इसके चलते राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इस संबंध में कोई घोषणा होने की संभावना बढ़ गई है।

1 नवंबर को छुट्टी घोषित करने की मांग

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि संगठन ने राज्य सरकार से 1 नवंबर को छुट्टी घोषित करने की मांग की है, क्योंकि अधिकांश अधिकारी इस दिन अवकाश पर रहेंगे। राठौड़ ने इसके साथ ही मध्य प्रदेश का उदाहरण भी दिया, जहां कर्मचारियों की मांग पर 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।

इस बीच, कुछ कर्मचारी छुट्टी के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश कर्मचारी चाहते हैं कि सरकार इसे सार्वजनिक अवकाश घोषित करे ताकि सभी को समान रूप से राहत मिल सके।